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चमोली आपदा पीड़ितों की मदद करेंगे जुबिन नौटियाल, लाइव कंसर्ट कर जुटाएंगे राहत राशि

चमोली आपदा प्रभावितों की मदद के लिए बॉलीवुड के मशहूर गायक जुबिन नौटियाल ने हाथ आगे बढ़ाया है. वह 14 फरवरी को मसूरी में एक लाइव कंसर्ट करेंगे. इससे एकत्रित धनराशि को चमोली आपदा राहत कोष में दान करेंगे.

famous singer jubin nautiyal
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Published : Feb 12, 2021, 4:20 PM IST

Updated : Feb 12, 2021, 7:31 PM IST

मसूरीःचमोली में बीते रविवार को आए भयानक जल प्रलय से हर कोई वाकिफ है. इस आपदा में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. वहीं सेना के जवानों के साथ ही आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस के जवानों की ओर से लगातार प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ इस जल प्रलय से प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए कई जानी-मानी शख्सियतें भी हाथ आगे बढ़ा रही हैं.

इसी कड़ी में उत्तराखंड के मूल निवासी और बॉलीवुड के जाने-माने गायक जुबिन नौटियाल ने भी इस आपदा पर गहरा दुःख व्यक्त किया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि आगामी 14 फरवरी को मसूरी के एक निजी होटल में सिंगिंग कन्सर्ट कर रहे हैं. इसकी लाइव स्ट्रीमिंग भी की जाएगी. इस कन्सर्ट के माध्यम से जो फंड एकत्रित होगा, उसे वह चमोली आपदा रिलीफ फंड में दान करेंगे.

आपदा पीड़ितों की मदद करेंगे जुबिन नौटियाल.

वहीं, मसूरी में ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए जुबिन नौटियाल ने चमोली त्रासदी पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि 14 फरवरी को मसूरी के गढ़वाल टैरेस पर 1 घंटे के लिए लाइव कंसर्ट करेंगे. वह कार्यक्रम का गाना म्यूजिक एप में भी शेयर करेंगे. उससे एकत्रित होने वाली राशि मुख्यमंत्री राहत कोष को दी जाएगी. जिससे चमोली त्रासदी के पीड़ित लोगों की कुछ मदद हो सके. उन्होंने कहा कि प्रकृति से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए बल्कि विकास होना चाहिए. प्रकृति को बचाकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आपदा आती रहती है. ऐसे में इसको लेकर गहन विचार-विमर्श करना चाहिए. वहीं एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति की मुसीबत के समय पर मदद करनी चाहिए.

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पहाड़ में आने वाली आपदा को रोकने के लिए सबको मिलकर पहाड़ बचाने होंगे. पहाड़ से पलायन रोकना होगा. पेड़ों को काटने से रोकना होगा. आज विकास के नाम पर पेड़ काटे जा रहे हैं. यही कारण है कि पहाड़ में आये दिन आपदा आ रही है. उन्होंने कहा कि चमोली त्रासदी में ग्लेशियर नहीं टूटा है, बल्कि एक बहुत बड़े पहाड़ का हिस्सा टूटा जो नदी में आकर गिरा, जिससे बाढ़ आ गई और तबाही मचा दी. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार को पहाड़ को संरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे और बड़े स्तर पर वृक्षारोपण करना होगा.

वहीं, चमोली जाने के सवाल पर जुबिन ने कहा कि, वो वहां नहीं जा पाएंगे क्योंकि उनका बहुत बिजी शेड्यूल है. आगामी 16 फरवरी को टिहरी लेक फेस्टिवल में उन्हें प्रस्तुति देने जाना है. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक उनकी बात पहुंचेगी, जिसके माध्यम से राशि एकत्र की जाएगी.

Last Updated : Feb 12, 2021, 7:31 PM IST

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