ऋषिकेशः तीर्थनगरी में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आगाज हो चुका है. इस महोत्सव में बड़ी संख्या में देश-विदेश के योग साधक पहुंच रहे हैं. योग की विधाओं को जानने के लिए विदेशी साधक उत्साहित और जिज्ञासु नजर आ रहे हैं. वहीं, स्थानीय योग आचार्यों का कहना हैकि सरकार को योग पर ध्यान देने की जरूरत है. साथ ही कहा कि अभी भी कईविधाएं विलुप्ति की कगार पर हैं, उन्हें बचाने का प्रयास होना चाहिए.
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सवः 'विलुप्त हो रही योग विधाओं को बचाने का प्रयास करे सरकार' - पर्यटन
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सवः इस योग महोत्सव में गंगा के दोनों तटों पर योग साधकों के लिए योग की कक्षाएं चल रही हैं. योग शुरू से ही एक जिज्ञासा का विषय रहा है. भारत के प्रति विदेशियों का आकर्षण योग को लेकर काफी बढ़ा है. बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक भारत में योग की शिक्षा-दीक्षा लेने के लिए पहुंच रहे हैं.
तीर्थनगरी ऋषिकेश में एक मार्च से अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव शुरू हो चुका है. इस योग महोत्सव में गंगा के दोनों तटों पर योग साधकों के लिए योग की कक्षाएं चल रही हैं. योग शुरू से ही एक जिज्ञासा का विषय रहा है. भारत के प्रति विदेशियों का आकर्षण योग को लेकर काफी बढ़ा है. बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक भारत में योग की शिक्षा-दीक्षा लेने के लिए पहुंचते हैं.
योग साधकों का कहना है कि अभी भी योग की कई विधाएं सामने नहीं आ पाई हैं. योग में विज्ञान का भी समावेश है. नाड़ी योग के द्वारा जटिल से जटिल बीमारियों का भी उपचार संभव है, लेकिन अभी इसका प्रचार प्रसार इतना नहीं हो पाया है. योगाचार्य लक्ष्मीनारायण जोशी का कहना है कि सरकार को योग का विस्तृत प्रचार-प्रसार करने के साथ इसे पर्यटन से भी जोड़ने चाहिए. जिससे योग पर्यटन के साथ राज्य में बढ़ सके और लोग निरोगरह सकें. साथ ही कहा कि आने वाले पर्यटकों को योग के बारे में विस्तृत ज्ञान मिल सके. उन्होंने कहा कि नाड़ी योग से कई असाध्य रोगों पर भी काबू पाया जा सकता है.