देहरादूनः उत्तराखंड में सैकड़ों करोड़ के कथित सिडकुल घोटाले को लेकर भले ही एसआईटी की जांच जारी हो, लेकिन निर्माण कार्यों पर भविष्य में आरोपों से बचने के लिए सिडकुल ने थर्ड पार्टी से जांच कराने का फैसला लिया है.
साल 2019 की शुरुआत में त्रिवेंद्र सरकार ने सिडकुल में हुए कथित घोटाले को लेकर एसआईटी जांच कराने का फैसला लिया तो सिडकुल में सैकड़ों करोड़ों के काम ठप्प पड़ गए.
आईआईटी रुड़की करेगा जांच. उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम द्वारा कराए गए कामों की फिलहाल एसआईटी जांच जारी है. वहीं जांच एजेंसी से मंजूरी लेने के बाद निर्माण कार्यों को शुरू करवा दिया गया है.
हालांकि सिडकुल अब एहतियात बरतते हुए भविष्य में निर्माण कार्यों पर किसी भी आरोप से बचने के लिए थर्ड पार्टी से जांच कराए जाने का फैसला लिया है. इसके तहत सिडकुल निर्माण कार्यों की जांच के लिए आईआईटी रुड़की से संपर्क कर चुका है.
अब आईआईटी रुड़की द्वारा स्थलीय निरीक्षण के जरिए निर्माण कार्यों की रिपोर्ट के बाद ही सिडकुल निर्माण एजेंसी को भुगतान करेगा. बता दें कि त्रिवेंद्र सरकार ने 2012 से 2017 तक के हुए निर्माण कार्यों की एसआईटी जांच कराने के आदेश दिए हैं और इस मामले में अब तक एसआईटी द्वारा कई अनियमितताएं पकड़ी जा चुकी हैं.
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सिडकुल में तमाम अनियमितताएं सामने आने के बाद संस्थान के लिए अपनी साख को कायम रखना बेहद जरूरी है और शायद यही कारण है कि अब विभागीय अधिकारी किसी भी आरोप से बचने के लिए थर्ड पार्टी जांच का इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि यह देखना होगा कि करोड़ों के निर्माण कार्यों को क्या अधिकारी 6 महीने में पूरा करवा पाते हैं.