देहरादून: विवाहिता की आत्महत्या के मामले में एडीजी कोर्ट ने पति को दोषी मानते हुए 7 साल की सजा सुनाई है. इस मामले में मृतका के जेठ और सास को भी अभियुक्त बनाया गया था. जेठ की पहले ही मौत हो चुकी है और सास को कोर्ट ने बरी कर दिया है.
पत्नी की आत्महत्या मामले में पति को मिली 7 साल की सजा, सास को किया बरी - लेटेस्ट न्यूज
कोतवाली क्षेत्र के नई बस्ती निवासी राजन की शादी 4 जुलाई 2015 में रीना से हुई थी. शादी के बाद से ही रीना को शारीरिक और मानसिक रूप से उत्पीड़न किया जा रहा था. एडीजी कोर्ट ने पति को दोषी मानते हुए 7 साल की सजा सुनाई है. इस मामले में मृतका के जेठ और सास को भी अभियुक्त बनाया गया था.
जानकारी के मुताबिक, कोतवाली क्षेत्र के नई बस्ती निवासी राजन की शादी 4 जुलाई 2015 में रीना से हुई थी. शादी के बाद से ही रीना को शारीरिक और मानसिक रूप से उत्पीड़न किया जा रहा था. इन हालात से परेशान होकर रीना से आत्महत्या कर ली थी. रीना के मायके वालों का आरोप था कि उसके ससुराल वाले दहेज में गाड़ी व रुपए की मांग कर रहे थे, जिस कारण उसे परेशान किया जा रहा था, जिससे रीना ने आत्महत्या कर ली.
रीना के पिता ने पति राजन पालीवाल, जेठ ऋषि राम पालीवाल और सास विधाता देवी के खिलाफ कोतवाली में मामला दर्ज कराया था. सरकारी वकील जया ठाकुर ने बताया कि इस मामले राजन पालीवाल जेल में था. राजन की मां विधाता और बड़े भाई ऋषि राम को बेल मिल चुकी थी. रीना के पिता के द्वारा 9 गवाहों को पेश किए जाने पर गुरुवार को एडीजी कोर्ट ने राजन पालीवाल को 7 साल की सजा सुनाई साथ ही दो हजार का अर्थदंड भी लगाया है.