देहरादूनः मंगलवार को राजधानी देहरादून में नगर निगम की ओर से प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड के संदेश के साथ मानव श्रृंखला कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिस पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सवाल खड़े किए हैं. दरअसल इस मानव श्रृंखला कार्यक्रम का हिस्सा बने 5,000 स्कूली बच्चों को सुबह 8 बजे से लेकर 10:30 बजे तक सड़क में खड़े रखा गया, जिसे लेकर बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने नाराजगी जताई है.
अपनी नाराजगी जताते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने पटना हाई कोर्ट के उस आदेश का जिक्र किया है जिसमें देश में बच्चों के जन जागरुकता कार्यक्रम में शामिल होने पर उनके अभिभावकों की सहमति लेना आवश्यक बताया गया है.
बच्चों को दो घंटे तक खड़ा रखने पर बाल आयोग सख्त. यह भी पढ़ेंः मानव श्रृंखला: प्लास्टिक के खिलाफ अभियान में प्लास्टिक का ही इस्तेमाल, सरकार की किरकिरी
आयोग की अध्यक्ष ने नाराजगी जताते हुए कहा कि बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता लाने की कोशिश अच्छी बात है, लेकिन इसके लिए बेहतर तरीकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. ये भी कहा गया है कि इस अभियान में स्कूली बच्चों को शामिल करने से पहले नगर निगम प्रशासन को शिक्षा विभाग के साथ ही बाल आयोग से भी बातचीत करनी चाहिए थी.
गौर हो कि बीते रोज उत्तराखंड को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त बनाने की दिशा में राजधानी दून में 50 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला (Human Chain) का आयोजन किया गया था. सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ देश के पहले ऐसे कार्यक्रम में लगभग एक लाख से अधिक लोगों ने हाथ से हाथ मिलाकर पॉलिथीन का इस्तेमाल न करने का संदेश दिया. नगर निगम देहरादून की ओर से आयोजित इस मानव श्रृंखला में न सिर्फ स्कूली बच्चे और अलग-अलग समाजसेवी संगठनों से जुड़े लोग शामिल हुए बल्कि पुलिस महकमे के कई वरिष्ठ अधिकारी भी इस विशाल मानव श्रृंखला का हिस्सा बने.