देहरादून:कोरोना वायरस के कारण 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद केंद्र सरकार द्वारा कई चरणों में लॉकडाउन किया. उसके बाद मई माह में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई और जिंदगी एक बार फिर से पटरी पर लौटनी शुरू हो गई. लेकिन, पूरे लॉकडाउन के दौरान उद्योग जगत के साथ-साथ तमाम श्रमिकों को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है. ऐसे में केंद्र सरकार ने कामगार वर्ग को राहत देते हुए भविष्य निधि में तमाम तरह की राहतें निम्न वर्ग के श्रमिकों को दी है. ईटीवी भारत ने इन तमाम बातों को लेकर उत्तराखंड रीजन के कर्मचारी भविष्य निधि आयुक्त पंकज कुमार से की खास बातचीत...
लॉकडाउन में कैसे मिलेगा पीएफ का पैसा. भविष्य निधि फंड का 75% एडवांस के तौर पर निकालने की अनुमति
भविष्य निधि आयुक्त पंकज कुमार ने बताया कि जैसे ही लॉकडाउन हुआ वैसे ही केंद्र सरकार द्वारा घोषणा की गई. जिसमें यह कहा गया कि श्रमिकों अपने भविष्य निधि का 75 फीसदी या फिर पिछले 3 महीनों के वेतन में से जो भी न्यूनतम हो उसे वह सीधे एडवांस के तौर पर निकाल सकता है. आयुक्त पंकज कुमार ने बताया कि भविष्य निधि मत श्रमिकों के भविष्य और विषम परिस्थितियों के लिए होता है. उसे लॉकडाउन के दौरान राहत के तौर पर श्रमिकों उपयोग कर सकते हैं.
अगस्त तक इन संस्थानों में सरकार देगी PF फंड का हिस्सा
भविष्य निधि आयुक्त पंकज कुमार ने बताया कि लॉकडाउन लगते ही केंद्र सरकार द्वारा 3 महीने के लिए ऐसे संस्थानों को जहां पर 100 से कम श्रमिक कार्यरत है. इनमें 90 फीसदी श्रमिकों की आय 15000 से कम है. उनके लिए प्रावधान किया गया कि भविष्य निधि मत में श्रमिकों के साथ-साथ संस्थान का हिस्सा भी सरकार वहन करेगी. ऐसे में अगर लॉकडाउन बढ़ता है तो इसका प्रावधान आगामी अगस्त माह तक कर दिया गया है. लेकिन, इस सब के बावजूद एक महत्वपूर्ण बिंदु यह भी है कि इस योजना का लाभ केवल उसी संस्थान को मिलेगा जो इसके लिए आवेदन करेगा.
चालाकी करने वाले संस्थानों की खैर नहीं
आयुक्त पंकज कुमार ने कहा कि भविष्य निधि फंड में केंद्र सरकार द्वारा दी गई इस राहत के चलते इस तरह की आशंकाएं भी जताई जा रही है कि कई कंपनियां सरकार से मिली इस राहत का लाभ उठाने के बावजूद भी कर्मचारियों का पीएफ काट रहे हैं. ऐसे में जब पीएफ का हिस्सा सरकार दे रही है तो संस्थान द्वारा की जा रही इस तरह की अगर कोई अनियमितता करता है तो उसको यह नहीं सोचना चाहिए कि इस बारे में किसी को जानकारी नहीं है. आयुक्त पंकज कुमार ने बताया कि फिलहाल कोविड-19 का दौर चल रहा है. लेकिन, आने वाले भविष्य में इस योजना के तहत आने वाले लाभार्थी संस्थानों का थर्ड पार्टी ऑडिट किया जाएगा. ऐसे में अनियमितता में संलिप्त पाए जाने पर भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.