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मसूरी: उत्तराखंड में 31 साल बाद शुरू हुई हेरिटेज हिमालयन कार रैली, हिमाचल को हुई रवाना - CM Pushkar Singh Dhami

उत्तराखंड में 31 साल बाद आज हेरिटेज हिमालय कार रैली का आगाज हो गया है. 31 साल पहले पर्यावरण प्रेमियों ने इस रैली का तगड़ा विरोध किया था. तब से इस कार रैली को उत्तराखंड में रोक दिया गया था. अब एक बार फिर से हेरिटेज हिमालय कार रैली उत्तराखंड में मसूरी से शुरू हो गई है. ग्रेटर नोएडा से 8 नवंबर को शुरू हुई ये रैली आज मसूरी से आगे बढ़ी.

Heritage Himalayan Car
मसूरी हिमालयन कार रैली

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Published : Nov 10, 2021, 9:04 AM IST

Updated : Nov 10, 2021, 12:32 PM IST

मसूरी:भले ही विंटेज कार का जमाना गुजर गया हो, लेकिन इसका क्रेज कभी कम नहीं हुआ है. इस बार विंटेज कार रैली का दीदार हुआ. पहाड़ों की रानी मसूरी में आयोजित हुई इस कार रैली को 10 नवंबर यानी आज सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, गणेश जोशी और पद्म भूषण रस्किन बांड ने कुफरी हिमाचल प्रदेश के लिये रवाना किया. बताते चलें कि 31 साल बाद फिर से कार रैली का आयोजन हुआ है. रैली 8 नवंबर को ग्रेटर नोएडा से शुरू हुई थी. आज मसूरी से इसकी आगे को शुरुआत हुई.

गौर हो कि बीते दिन हेरिटेज हिमालयन कार रैली होटल वेलकम द सवाय पहुंची. यहां पर मिलिट्री बैंड के साथ होटल प्रबंधन द्वारा कार रैली में प्रतिभाग करने वाले लोगों को पारंपरिक वस्त्र देकर स्वागत किया गया. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के द्वारा मसूरी में हिमालयन कार रैली का स्वागत किया गया. नजीर हुसैन मेमोरियल रैली का आयोजन इंडियन ऑटोमोटिव रेसिंग क्लब के संस्थापक और फेडरेशन ऑफ मोटर स्पोर्ट क्लब ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष नजीर हुसैन की याद में किया जाता है.

हेरिटेज हिमालयन कार रैली का आज होगा आगाज.

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कार रैली 13 नवंबर तक चलेगी. 13 नवंबर को इस रैली का समापन होगा. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने हिमालयन कार रैली के आयोजकों के साथ होटल वेलकम द सवाय के प्रबंधन समिति को बधाई दी. उन्होंने कहा कि 31 साल के बाद मसूरी में एक बार फिर हिमालयन कार रैली का आगाज हुआ है. इस दौरान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी मौजूद रहेंगे. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि कार रैली देश के कई हिस्सों से होते हुए मसूरी पहुंची. साथ ही पर्यटन की दृष्टि से उत्तराखंड को फायदा देगा.

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उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है. इसका आनंद देश-विदेश के लोग लेने के लिये उत्तराखंड के साथ मसूरी में आते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार उत्तराखंड के विकास के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए छोटे-छोटे पर्यटक स्थलों का निर्माण कर रही है.

होटल वेलकम द सवाय की डायरेक्टर निक्की गुप्ता ने कहा कि उनके लिए हिमालयन कार रैली को होस्ट करना एक बहुत बड़े सौभाग्य की बात है. 31 साल के बाद इस हिमालयन कार रैली को दोबारा से शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. वहीं उत्तराखंड में पर्यटन उद्योग के साथ रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे.

ग्रेटर नोएडा से 8 नवंबर को शुरू हुई रैली:ग्रेटर नोएडा स्थित क्राउन प्लाजा होटल से 8 नवंबर की सुबह नौ बजे थल सेना अध्यक्ष एमम नरवाणे ने नजीर हुसैन मेमोरियल ड्राइव को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. टीम फायर फॉक्स की ओर से आयोजित इस 1107 किलोमीटर ड्राइव में देशभर से 90 टीमें हिस्सा ले रही हैं. हेरिटेज हिमालयन कार रैली ग्रेटर नोएडा से शुरू होकर उत्तराखंड के लैंसडाउन, मसूरी से हिमाचल प्रदेश के कुफरी होते हुए मनाली में संपन्न होगी.

कौन थे नजीर हुसैन:नजीर हुसैन का जन्म 1940 में हुआ था. नजीर हुसैन भारतीय रेसिंग ड्राइवर के साथ ही मोटर स्पोर्ट्स के प्रशासक थे. वो मोटर स्पोर्ट्स एसोसिएशन आफ इंडिया के अध्यक्ष भी रहे थे. नजीर व‌र्ल्ड रैली चैंपियनशिप के मुख्य प्रबंधक व व‌र्ल्ड मोटर स्पो‌र्ट्स काउंसिल के सदस्य भी रहे थे. 2019 में उनका देहांत हो गया था.

नजीर हुसैन ने हिमालय रैली रूट की शुरुआत की थी: उन्होंने 1981 में हिमालय रैली रूट की शुरुआत की थी, जो 1990 तक लगातार संचालित रही. अब 31 वर्ष बाद आठ नवंबर को उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए टीम फायर फॉक्स द्वारा नजीर हुसैन मेमोरियल ड्राइव का आयोजन कराया जा रहा है. रैली में शिरकत कर रही टीम के हर दल में दो सदस्य शामिल रहेंगे.

क्यों बंद हुई थी उत्तराखंड में कार रैली: उत्तराखंड जन संघर्ष वाहिनी के संस्थापक सदस्य और इसके अध्यक्ष रहे पीसी तिवारी ने रैली के विरोध के दिनों की यादों को ईटीवी भारत के साथ शेयर किया.

पीसी तिवारी ने बताया कि जन संघर्ष वाहिनी ने 1988 में इस कार रैली का विरोध किया था. आंदोलनकारियों ने कहा था कि ये कोई खेल नहीं है, ये कार कंपनियों का विज्ञापन है. इसके लिए हमारे पूरे इलाकों में रास्ते बंद किए जाते हैं. जिससे लोग बहुत परेशान होते हैं. इसलिए हिमालय कार रैली को पहाड़ में बंद होना चाहिए.

आंदोलनकारियों ने कार रैली का विरोध करने के लिए बाकायदा गीत बनाए थे. इसके कारण भी बताए थे. गीत कुछ इस तरह थे...

धूल वो उड़ाएंगे, कार वो चलाएंगे

पहाड़ों को रौंदकर नाम वो कमाएंगे...बस करो रे बस करो...

एक और रैली विरोधी गीत इस तरह था...

कार हिमालय रैली है, भटकाने की शैली है

जागो रे मजदूर किसान, जागो रे छात्र-नौजवान

आंदोलनकारियों का कहना था कि पहाड़ों की उपेक्षा को दूर करना पहली प्राथमिकता रहनी चाहिए. पहाड़ में पहले स्कूल, अस्पताल और अन्य मूलभूत सुविधाएं दी जानी चाहिए. नहीं तो हिमालय कार रैली को आयोजित नहीं करने दिया जाएगा. पीसी तिवारी अब उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के संयोजक और अध्यक्ष हैं.

Last Updated : Nov 10, 2021, 12:32 PM IST

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