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'PM आधे घंटे रुक जाते...' पर हरदा की सफाई, 'गलत पेश हुआ बयान, देश से माफी मांगने को तैयार'

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Published : Jan 7, 2022, 7:13 PM IST

Updated : Jan 7, 2022, 10:32 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक मामले पर हरीश रावत के 'आधे घंटे रुक जाते तो कौन सा बम फूट जाता' बयान पर देशभर की सियासत गर्मा गई है. हरीश रावत के बयान की जहां सीएम पुष्कर धामी ने कड़ी निंदा की है वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने हरीश रावत के बयान को जांच में शामिल करने की मांग की है.

harish rawat and cm pushkar dhami
हरीश रावत का बम फूटा बयान

देहरादूनःप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक मामले पर सियासत जारी है. इस मामले को लेकर जहां बीजेपी कांग्रेस पर कई तरह के आरोप लगा रही है वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ऐसा बयान दिया है, जो इस विवाद की आग में घी डालने का काम करेगा. हरीश रावत ने कहा कि, 'यदि प्रधानमंत्री आधा घंटा रुक जाते तो कोई बम नहीं फूट जाता, कौन सा गज़ब हो जाता?' उधर, हरीश रावत का ये बयान सामने आने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इसकी कड़ी निंदा की है.

आधा घंटा रुक जाते बयान पर सफाई:उधर, बयान पर विवाद बढ़ने के बाद तुरंत पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसपर अपनी सफाई पेश की. उन्होंने वीडियो जारी करते हुए कहा कि, जिस तरह से इस मामले को उछाला जा रहा है, उससे लगता है कि बीजेपी मामले को लेकर राजनीति करना चाहती है. अपने आधा घंटे रुक जाते बयान पर विस्तार से सफाई देते हुए हरीश रावत ने कहा कि, सोनिया गांधी ने पंजाब के मुख्यमंत्री को इस मामले की जांच के लिए कहा है, लेकिन यदि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम अचानक से बदला तो उसके पीछे क्या कारण रहे और यदि उनका कार्यक्रम बदला था तो उन्हें आधा घंटा रुक जाना चाहिए था.

पीएम मोदी सुरक्षा चूक पर सुलगती सियासत.

उन्होंने कहा था कि यदि पीएम आधा घंटा और समय ले लेते, प्रधानमंत्री का कारवां आधा घंटा देर से प्रारंभ होता तो ऐसी स्थिति नहीं आती और यदि आधा घंटा विलंब हो जाता तो कोई बादल नहीं फट पड़ता, कोई बम नहीं फट पड़ता. उन्होंने अपने इस बयान को सामान्य करार दिया और कहा कि इसका राजनीतिक करण करने की कोशिश की जा रही है. यदि उनके पूरे बयान में उनका ऐसा कोई इंटेंशन लगता है कि वो प्रधानमंत्री की सुरक्षा को अंडरमाइंड करने की कोशिश कर रहे हैं, तो वो सारे देश से क्षमा मांगने के लिए तैयार हैं.

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केंद्रीय एजेंसियां भी जिम्मेदार:हरीश रावत ने कहा कि, इस मामले में राज्य सरकार की एजेंसियों की गलती तो हैं ही, लेकिन केंद्र की एजेंसियों की भी उतनी ही गलती है. प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंट्रल एजेंसी जिनमें आईबी, एसपीजी सब सम्मिलित हैं और राज्य पुलिस, इनका सम्मिलित दायित्व है. जब प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में बदलाव हुआ और उन्होंने सड़क मार्ग से जाने का निश्चय किया तो सारे मार्ग को सही तरीके से सैनिटाइज किया जाना चाहिए था.

हरीश रावत के बयान पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का हमला.

किसानों के आंदोलन की स्थिति और उनके द्वारा दी गई चेतावनी के संदर्भ में इसको रिकंफर्म कर लिया जाना चाहिए था कि ऐसी संभावना तो पैदा नहीं होगी. हरीश रावत ने इस घटना को कहीं न कहीं एक सामूहिक सुरक्षा चूक करार दिया और कहा कि, इस चूक में प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सेंट्रल एजेंसीज भी हैं, यहां तक की उस क्षेत्र के अंदर जो प्रभावी है बीएसएफ, उनको भी इस बात को देखना चाहिए था. लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

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सीएम पुष्कर धामी ने बोला हमलाःगौर हो कि इससे पहले हरीश रावत के इस बयान पर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने पलटवार किया था. सीएम धामी ने बयान की निंदा करते हुए कहा था कि, इस बयान से समझ आता है कि कांग्रेस किस दिशा में जा रही है, बम विस्फोट जैसे शब्दों का प्रयोग क्यों कर रही है? पीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई थी, जिसकी वो कड़ी निंदा करते हैं. वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने जांच में हरीश रावत के बयान को शामिल करने की मांग की है. उनका कहना है कि मामले उनकी भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है. लिहाजा, प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर होने वाली उच्च स्तरीय जांच में हरीश रावत को भी शामिल किया जाना चाहिए.

Last Updated : Jan 7, 2022, 10:32 PM IST

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