देहरादून: कांग्रेस हाईकमान ने हरीश रावत पर भरोसा तो किया, लेकिन एक बार फिर हरीश रावत इस भरोसे पर खरे नहीं उतर पाए. आखिरकार पंजाब की राजनीति में मचे भूचाल के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना ही पड़ा. बहरहाल हरीश रावत आज पंजाब के साथ उत्तराखंड में भी चर्चाओं में रहे. दरअसल, उन्हें आज उन्हें परिवर्तन यात्रा में शामिल होना था, मगर उससे पहले ही उन्होंने अचानक शामिल नहीं होने से जुड़ा ट्वीट कर दिया. तब इस ट्वीट को कई मायनों में देखा गया.
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत फिर से कांग्रेस में गुटबाजी को रोकने में कामयाब नहीं हो पाए. पंजाब में गुटबाजी को लेकर जो पूरा घटनाक्रम चला. उसके बाद हरीश रावत की काबिलियत पर फिर सवाल खड़े होने लगे हैं. कहा गया कि हरीश रावत को पंजाब में गुटबाजी रोकने की जिम्मेदारी दी गई और उनका ध्यान उत्तराखंड पर ही रहा. शायद यही कारण था कि वह जिम्मेदारी को ठीक से नहीं निभा पाए.