देहरादून/दिल्ली: देशभर में असहिष्णुता का माहौल और उस पर बुद्धिजीवियों की शिकायत का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है .देशभर के 49 बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर शिकायत की है कि 'जय श्री राम' नारे का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसके कारण देश में असहिष्णुता का माहौल बन रहा है. प्रधानमंत्री को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. कांग्रेस ने भी पीएम मोदी से बुद्धिजीवियों की इस बात को गंभीरता से लेने को कहा है.
कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने कहा की यह गंभीर मसला बनता जा रहा है. पूरे देश में असुरक्षा का माहौल है. मॉब लिंचिंग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. राजाराम जो मर्यादा पुरुषोत्तम थे, उनके नाम पर दंगाई नारा बनाकर एक दूसरे के जान के दुश्मन बन रहे हैं .सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए.
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दरअसल, 49 शिक्षाविदों, कलाकारों और बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर मॉब लिंचिंग पर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी. जिसमें इतिहासकार रोमिला थापर, बिपिन चंद्रा, नोम चोम्स्की, सुमित्र सेन, अपर्णा सेन, कोंकणा सेन शर्मा, श्याम बेनेगल, शुभा मुद्गल समेत 49 लोग शामिल हैं. प्रधानमंत्री को लिखे गए शिकायती पत्र में बुद्धिजीवियों ने कहा है कि हमारा धर्मनिरपेक्ष संविधान है. जहां सभी धर्म के लोगों को साथ रहने की बात कही गई है. लेकिन पिछले कुछ सालों में देश में मॉब लिंचिंग की मामले बढ़े हैं .
कांग्रेस का मानना है मॉब लिंचिंग करने वाले लोग मोदी के समर्थक हैं, इसलिए कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने प्रधानमंत्री मोदी को सलाह दी है कि वे अपने समर्थकों से कहें कि वे मॉब लिंचिंग बंद करें और बुद्धिजीवियों की सलाह को गंभीरता से लें.