देहरादून:विधानसभा चुनावों के बाद प्रदेश में कांग्रेस की हालत और भी खराब हो गई है. हर बीतते दिन के साथ कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़ रहे हैं. इस बीच कद्दावर नेता हरक सिंह रावत फिर से एक्टिव हो गये हैं. विधानसभा चुनाव में निष्क्रिय रहने वाले हरक सिंह रावत पिछले दो तीन दिनों से काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं. कभी वे देहरादून में पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं तो कभी वे हरिद्वार में संतों से मुलाकात कर रहे हैं.
लंबे समय से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहने वाले हरक सिंह रावत के बारे में हर कोई जानता है. वह जब तक जिस भी पद पर रहे उन्होंने अपनी ही अलग राजनीति चलाई है. जब वह सत्ता में रहे तब भी और विपक्ष में रहे तब भी सरकारी ट्रीटमेंट हमेशा ही उन्हें मिलता रहा है. विपक्ष के नेता से कैबिनेट मंत्री जैसे कई पदों पर रहे हरक सिंह रावत उत्तराखंड की राजनीति में अपनी धमक रखते हैं. चुनाव बीत जाने के बाद से हरक सिंह रावत ना तो राजनीतिक रूप से कहीं दिखाई दिए और न ही वे पार्टी के कार्यक्रमों में दिखाई दिये. मगर बीते दिनों हुए घटनाक्रम के बाद एकाएक हरक सिंह रावत फिर से चर्चाओं में हैं.
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बीते दिनों हरक सिंह रावत के आवास पर कांग्रेसी नेताओं का जमावड़ा लगा. प्रीतम सिंह, विजयपाल सजवण, भुवन कापड़ी, लालचंद शर्मा उनके आवास पर उनसे मिलने पहुंचे. बैठक के बाद हरक सिंह रावत ने आज एक बार फिर अपने चिर-परिचित अंदाज में कई सवाल उठाए, जिसमें उन्होंने कांग्रेस संगठन को निशाने पर लिया और हरीश रावत के बयानों को लेकर प्रतिक्रिया दी थी. इस बैठक के बाद कई तरह के सवाल खड़े होने के साथ ही हरक सिंह रावत के एक्टिव होने के समय पर चर्चाएं तेज होने लगी.
कहा जा रहा है कि आने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए हरक सिंह रावत एक्टिव हो गये हैं. जानकार बताते हैं कि हरक सिंह रावत को हरीश रावत के विरोधी गुट का साथ भी मिला है. जिसमें प्रीतम सिंह सबसे बड़े चेहरा हैं. प्रीतम सिंह जिन नेताओं को साथ में लेकर चल रहे हैं, उनमें अब हरक सिंह रावत का नाम भी जुड़ गया है. हरक सिंह रावत ने बीते दिनों अपने घर में हुई बैठक के बाद सीधे तौर पर हर हरीश रावत पर यह आरोप लगाए थे कि विपक्ष का जो काम है, वह कांग्रेस पार्टी ठीक ढंग से नहीं कर रही है.
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हरक सिंह रावत की लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा:दरअसल, इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यह भी है कि हरक सिंह रावत हरिद्वार से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. हरक सिंह रावत के मन में यह बात है कि वह पौड़ी से भी लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं. ऊपर से बीते दिनों पौड़ी की लैंसडाउन सीट से ही उनकी बहू अनुकृति गुसाईं को हार का सामना करना पड़ा था. लिहाजा अब हरक सिंह रावत हरिद्वार में रहकर लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. हरक सिंह रावत को पता है कि अगर वह कांग्रेस में रहकर हरिद्वार से लोकसभा चुनाव का टिकट मांगेंगे तो पार्टी में उनका विरोध सबसे पहले हरीश रावत ही करेंगे.
हरीश रावत कर सकते हैं हरक का विरोध:हरक सिंह जानते हैं किहरीश रावत मौजूदा समय में सीडब्ल्यूसी के मेंबर हैं. यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि उत्तराखंड में कांग्रेस का चुनाव हो या अन्य कोई भी फैसला, हरीश रावत से सलाह के बिना यहां कुछ भी नहीं होता. ऐसे में हरक सिंह रावत ने पार्टी के एक बड़े धड़े को अपने साथ जोड़ा है. प्रीतम सिंह गुट के साथ ही कुमाऊं से भुवन कापड़ी जैसे नेताओं का समर्थन हरक सिंह रावत को मिल गया है.
हरक सिंह रावत ने अपनी मंशा को हरिद्वार जाकर भी जाहिर कर दिया है. उन्होंने ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी के आश्रम पहुंचकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. साथ ही साथ मीडिया में भी सार्वजनिक तौर पर यह बात रख दी के हरिद्वार या पौड़ी से वह लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. इशारों ही इशारों में हरक सिंह रावत ने हरिद्वार लोकसभा सीट को अपनी प्राथमिकता बताया.