देहरादून: देश-दुनिया में योग को अब न केवल स्वास्थ्य लाभ के रूप में बल्कि रोजगार सृजन और बड़े व्यवसाय के रूप में भी देखा जा रहा है. लेकिन योग की जन्म स्थली होने के बावजूद आज भी धन की कमी के चलते सूबे में योग उस स्तर पर नहीं पहुंच पाया है, जिसकी उम्मीद की जा रही थी. आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने के प्रचार-प्रसार को लेकर किए जा रहे प्रयासों को ETV Bharat से साझा किया.
आयुष मंत्री हरक सिंह रावत आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि राज्य में योग के प्रचार-प्रसार को लेकर अलग से बजट की कोई व्यवस्था ही अब तक नहीं की गई है. यही कारण है कि योग महज देहरादून तक ही सिमट कर रह गया है, जबकि बाकी जिलों में योग के प्रचार-प्रसार को लेकर बड़े प्रयास नहीं किए जा सके हैं. हालांकि, सरकार अब योग के लिए अलग से बजट का प्रावधान कर अन्य जिलों में भी इसे एक बड़े महोत्सव के रूप में मनाने की तैयारी कर रही हैं.
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हरक सिंह रावत ने कहा कि योग दिवस को महज खानापूर्ति के लिए नहीं किया जा रहा है बल्कि, इसके जरिए लोगों को योग के महत्व और फायदों की जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा है. इस मौके पर हरक सिंह रावत ने दिवंगत नेता प्रकाश पंत और उमेश अग्रवाल का नाम लेते हुए कहा कि यह दो घटनाएं ऐसी हुईं हैं, जिसमें पूरा उत्तराखंड मायूस है. ऐसे में वह हर शख्स से अपने जीवन के 10 मिनट निकालकर योगाभ्यास करने का संदेश देना चाहते हैं.
उत्तराखंड में ढाई सौ वैलनेस सेंटर बनाएंगे लोगों को निरोगी
उत्तराखंड आयुष विभाग ने राज्य में ढाई सौ आयुर्वेदिक हॉस्पिटल चिन्हित कर लिए हैं. जिन्हें अब भारत सरकार के सहयोग से वैलनेस सेंटर के रूप में स्थापित किया जाएगा. वैलनेस सेंटर में योग प्रशिक्षक भी तैनात किए जाएंगे, जो स्थानीय लोगों समेत पर्यटकों को भी योग के जरिए निरोगी बनाने की कोशिश करेंगे.
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाते हुए अब 5 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन अब भी धनराशि की कमी का मामला सामने आना बेहद अफसोस जनक है. जरूरत है योग को आगे बढ़ाने की ताकि स्वास्थ्य के साथ रोजगार का सृजन भी हो सके.