देहरादून: देश-दुनिया में कोरोना वायरस का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. उत्तराखंड में मैदान से लेकर पहाड़ तक रोजाना कई लोग संक्रमित मिल रहे हैं. हमारी इस रिपोर्ट के जरिए जानिए उत्तराखंड में कोरोना की दस्तक कब हुई और इस दौरान क्या कुछ बदलाव हुए.
उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते सीमित संसाधनों में सिमटा हुआ है. लॉकडाउन की वजह से उत्तराखंड के लोगों के साथ राजस्व को भी बड़ा नुकसान हुआ है. क्योंकि लॉकडाउन के चलते प्रदेश के सभी व्यवसाय पूरी तरह ठप हो गए हैं. उत्तराखंड की आय का प्रमुख स्त्रोत पर्यटन भी पूरा तरह से ठप है. जिसकी वजह से राजस्व के साथ-साथ व्यवसायियों की कमर भी टूट गई है.
उत्तराखंड में कोरोना की दस्तक
प्रदेश में कोरोना की दस्तक 15 मार्च को हुई थी. देहरादून स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन प्रशिक्षण अकादमी में एक ट्रेनी आईएफएस अफसर, जो स्पेन से ट्रेनिंग लेकर वापस लौटे थे. उनमें कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी. इसके बाद 19 मार्च को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के ही दो और ट्रेनी आईएफएस अफसर भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.
22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान
देश भर में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार की तरफ से जनता कर्फ्यू का आह्वान किया गया था. 22 मार्च सुबह 7 से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू लागू किया था. इस दौरान सड़कें पूरी तरह वीरान रही.
23 मार्च को उत्तराखंड में लागू हुआ लॉकडाउन
उत्तराखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए 23 मार्च से 31 मार्च तक पूरे प्रदेश को लॉकडाउन कर दिया था. इस दौरान केवल आवश्यक चीजों के लिए ही दुकानें खुली थी. आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को छोड़ सभी प्रकार के वाहनों पर प्रतिबंध लागू किया गया था. हालांकि 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए 25 मार्च से 14 अप्रैल तक देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी.
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16 अप्रैल को राज्य में बने जोन
15 अप्रैल से पूरे देश में लॉकडाउन का दूसरा चरण लागू हुआ. जो 3 मई तक जारी रहा. इस दौरान केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक उत्तराखंड सरकार ने पूरे राज्य को रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन में बांट दिया. रेड जोन में देहरादून, ऑरेंज जोन में हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, पौड़ी, अल्मोड़ा और ग्रीन जोन में बागेश्वर, चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी को शामिल किया गया.
20 अप्रैल से मिली छूट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा-निर्देश पर 20 अप्रैल के बाद तमाम चीजों में छूट दी गई. जिसके तहत प्रदेश के किसानों, मनरेगा, आवश्यक सेवाओं से जुड़ी चीज के साथ-साथ ईट-भट्टों आदि को भी छूट दी गई. हालांकि आवेदन करने वाले इंडस्ट्री को भी छूट देने का निर्णय लिया गया था. ताकि प्रदेश की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल सके.
वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन
लॉकडाउन के तीसरे चरण के दौरान उत्तराखंड सरकार ने दूसरे प्रदेशों में फंसे प्रवासियों को लाने की प्रक्रिया शुरू की. इसके तहत वापस आने वाले प्रवासियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था शुरू की गई. साथ ही प्रदेश से बाहर जाने वाले लोगों के लिए भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा बनाई गई.
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लॉकडाउन 3.0 में राहत
4 मई से 17 मई तक लॉकडाउन के तीसरे चरण के दौरान केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार उत्तराखंड सरकार ने राज्य के भीतर तमाम रियायतें दी गई. जिसके तहत ग्रीन जोन में बाजारों के खुलने का समय सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक निर्धारित किया. साथ ही शराब की दुकानें भी खोल दी गईं. इसके साथ ही ग्रीन जोन में आने वाले जिलों में सरकारी और गैर सरकारी दफ्तर खोले जाने के भी निर्देश दिए गए थे. लेकिन स्कूल, कॉलेज, मॉल, सिनेमा घर, कॉम्प्लेक्स, होटल, रेस्टोरेंट आदि बंद ही रहे.