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दून पुलिस लूटकांड: 48 घंटे की पुलिस रिमांड पर कांग्रेसी नेता समेत चारों आरोपी, एसटीएफ को मिली कई जानकारी - एसटीएफ

पुलिस को कांग्रेस नेता अनुपम शर्मा को लेकर कई नई जानकारियां मिली हैं. जिसकी तस्वीर रिमांड पर लेने के बाद ही साफ हो पाएगी.

Doon police robbery case

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Published : Apr 24, 2019, 10:19 PM IST

देहरादून: पुलिस लूटकांड में जेल में बंद दरोगा दिनेश नेगी समेत तीनों पुलिसकर्मियों और कांग्रेस नेता को 48 घंटे की पुलिस रिमांड दिया गया है. एसटीएफ विवेचक के प्रार्थना पत्र पर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई. विवेचक ने रिमांड के लिए लूटा गया बैग बरामद करने का तर्क दिया था. चारों आरोपियों को गुरुवार सुबह से 48 घंटे की रिमांड पर पुलिस को सौंपा जाएगा. पुलिस को कांग्रेस नेता अनुपम शर्मा को लेकर कई नई जानकारियां मिली हैं. जिसकी तस्वीर रिमांड पर लेने के बाद ही साफ हो पाएगी.

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बता दें कि बीती चार अप्रैल को दरोगा दिनेश नेगी समेत तीन पुलिसकर्मियों ने कांग्रेसी नेता अनुपम शर्मा के साथ मिलकर प्रॉपर्टी डीलर अनुरोध पवार से नोटों से भरा बैग लूट लिया था. इस लूट को अंजाम देने के लिए आईजी गढ़वाल की कार का इस्तेमाल किया गया था. प्रॉपर्टी डीलर अनुरोध पवार ने चारों लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ धारा 392, 365,341,120b और 170 के तहत मामला दर्ज किया था.

बीती 17 अप्रैल को चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गय था. कोर्ट ने चारों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. लेकिन इसी बीच पुलिस को इस केस से जुड़ी कई नई जानकारियां मिली है. इसी कड़ी में विवेचक की तरफ से एसीजेएम प्रथम की कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर आरोपी पुलिसकर्मियों की 3 दिन की रिमांड मांगी गई थी, ताकि उनसे लूटा गया बैग बरामद किया जा सके.

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मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजू सिंह मुंडे की कोर्ट में एसटीएफ विवेचक के प्रार्थना पत्र पर दोनों पक्षों ने अपनी दलील रखी. जिसके बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने चारों आरोपियों अनुपम शर्मा, मनोज सिंह अधिकारी, दिनेश सिंह नेगी और हिमांशु उपाध्याय को 25 अप्रैल सुबह 10 बजे से लेकर 27 अप्रैल 10 बजे तक पुलिस अभिरक्षा में रखे जाने की अनुमति दी है.

आरोपी पक्ष वकील नीरज पांडे ने बताया की आरोपियों को पुलिस अभिरक्षा के लिए जाने से पहले दोबारा चिकित्सीय परीक्षण कराया जाएगा. पुलिस अभिरक्षा की अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी आरोपियों को फिर से चिकित्सीय परीक्षण कराया जाएगा.

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