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क्रिसमस छोड़ विदेशी मेहमानों ने की तुलसी की पूजा, जमकर हो रही सराहना

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Published : Dec 25, 2019, 7:48 PM IST

ऋषिकेश में स्पेन के साधकों ने तुलसी का पूजन किया. इस दौरान वैदिक फाउंडेशन हिमालया योगालय आश्रम में साधकों ने 108 तुलसी के पौधे भी योगधाम में लगाए. जिसे तुलसी वाटिका का नाम दिया गया है.

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तुलसी की पूजा

ऋषिकेशः एक ओर जहां सभी लोग पाश्चात्य सभ्यता से आकर्षित होकर तेजी से उसे तेजी से अपना रहे हैं. वहीं, विदेशी लोग भारतीय परम्पराओं और सभ्यताओं के मुरीद है. जिसके बानगी क्रिसमस के मौके पर एक आश्रम में स्पेन के लोगों द्वारा तुलसी की पूजा करना है. जिसकी जमकर सराहना हो रही है.

वैदिक फाउंडेशन हिमालया योगालय आश्रम में आज तुलसी दिवस मनाया गया. जहां पर सभी साधकों ने क्रिसमस ना मनाकर तुलसी दिवस धूमधाम के साथ मनाया. इतना ही नहीं स्पेन के साधकों ने तुलसी का पूजन भी किया. इस दौरान सभी साधकों ने 108 तुलसी के पौधे भी योग धाम में लगाए. जिसे तुलसी वाटिका का नाम दिया गया है.

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आश्रम के ट्रस्टी पंडित रवि शास्त्री ने बताया कि हिंदू धर्म के मुताबिक, तुलसी के पौधे का काफी महत्व है. तुलसी के पत्तों के बिना भगवान विष्णु की पूजा में प्रसाद नहीं चढ़ाया जाता है. इतना ही नहीं तुलसी को सेहत के लिए भी वरदान माना जाता है. तुलसी में कई बीमारियों से लड़ने के गुण भी पाए जाते हैं.

तुलसी के पौधे को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे से कई आध्यात्मिक बातें भी जुड़ी हुई है. तुलसी भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है. तुलसी के पत्तों के बिना भगवान विष्णु शालिग्राम भगवान में प्रसाद नहीं चढ़ाया जाता है. साथ ही तुलसी की औषधी का भी हमारे शरीर के अंगों को सुचारू रखने के लिए काफी फायदेमंद होती है.

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पंडित रवि शास्त्री ने बताया कि तुलसी की पत्तियों कुछ खास दिनों में नहीं तोड़नी चाहिए. चंद्रग्रहण, एकादशी और रविवार के दिन तुलसी की पत्तियां ना तोड़ें. सूर्यास्त के बाद भी तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए. वैदिक परंपराओं के अनुसार तुलसी की पूजा-अर्चना भी की जाती है.

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