मसूरी: कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से मजदूरों का काम का छिन गया है. ऐसे में इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था. ऐसे लोगों को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार ने 23 लाख राशन कार्ड धारकों को तीन माह का एडवांस में राशन वितरित किया था. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने इसके लिए गेहूं चावल और दाल की आपूर्ति भी कर दी थी. लेकिन कुछ लोग ऐसे समय में भी गरीबों के हक पर डाका डालकर जमाखोरी करने में लगे हुए है.
खाद्य आपूर्ति विभाग ने मारा छापा जमाखोरों पर नजर रखने के लिए सभी जिलों में जिला पूर्ति अधिकारी की अगुवाई में टीमें तैनात गई हैं, जो जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं. मसूरी में इस टीम ने शराब की कुछ दुकानों का औचक निरीक्षण कर स्टॉक का मिलान किया.
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निरीक्षण टीम के अधिकारी विवेक शाह ने बताया कि प्रदेश के 23 लाख राशन कार्ड धारकों को सरकार की ओर से हर माह सस्ता राशन दिया जाता है, जिसमें अंत्योदय परिवार को प्रति कार्ड 35 किलो राशन मिलता है. इसमें 21.5 किलो चावल और 13 .5 किलो गेहूं दिया जाता है. प्राथमिक परिवारों को प्रति यूनिट दो किलो गेहूं, तीन किलो चावल मिलता है. मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना के तहत प्रत्येक राशन कार्ड पर एक किलो चना मसूर दाल भी मिल रही है.
शाह के मुताबिक लॉकडाउन में विभाग जमाखोरों पर कड़ी निगरानी रख रहा है. इसीलिए बुधवार को राशन की कुछ दुकानों का औचक निरीक्षण किया गया. इस दौरान दुकानों का स्टॉक भी देखा गया है. कुछ डीलर समय से राशन नहीं दे रहे थे, जिसको लेकर उन्हें निर्देश दिए गए हैं. अगर किसी भी राशन की दुकान में अनियमितताएं मिलती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.