देहरादून:उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार विधानसभा में महिला अध्यक्ष बनी हैं. आज ऋतु खंडूड़ी ने प्रदेश में पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष के रूप में शपथ ली है. इससे पहले ईटीवी भारत ने ऋतु खंडूड़ी से खास बातचीत की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि वो इस बात से बेहद खुश हैं कि जिस सदन में उनके पिता मुख्यमंत्री थे, अब वह उसी सदन का संचालन करेंगी.
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता रहे भुवन चंद्र खंडूड़ी की बेटी ऋतु खंडूड़ी का भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव किया है. ईटीवी भारत से खास बात करते हुए ऋतु खंडूड़ी ने बताया कि, जब वो कोटद्वार से चुनाव जीतकर आई तो उनके पिता भुवन चंद खंडूड़ी ने खूब ठहाके मारे और हंसते हुए बोले कि जीत गई कोटद्वार से. ऋतु खंडूड़ी ने कहा उनके पिता भुवन चंद खंडूड़ी की विरासत केवल उनकी नहीं बल्कि यह पूरे उत्तराखंड के लोगों की विरासत है.
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प्रोफेसरी छोड़कर अब दोबारा पढ़ाई शुरू करनी होगी: ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का पद बेहद गरिमामयी और संसदीय जानकारियों वाला पद है, जिसके लिए उन्होंने एक बार फिर से पढ़ाई शुरू करनी पड़ेगी. उनको प्रोफेसर की नौकरी छोड़े काफी समय हो गया है, लेकिन अब एक बार फिर से संसदीय परंपराओं और संसदीय जानकारियों को लेकर पढ़ाई शुरू करेंगी. उन्होंने कहा कि, विधानसभा सत्र में उनकी कोशिश होगी कि सभी संसदीय परंपराओं और नियमों का ठीक से पालन हो. उन्होंने कहा एक महिला विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते विधानसभा में इसका प्रतिबिंब दिखेगा.
पहाड़ की महिला पहले से सशक्त बस मौका देने की जरूरत: पहाड़ी विधानसभाओं से चुनाव जीतकर आई ऋतु खंडूड़ी ने एक महिला नेता होने के नाते कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ों में महिलाओं का इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है. पहाड़ की महिलाएं पहले से ही सशक्त हैं, चाहे वह जागरुकता की बात हो या फिर शिक्षा की बात हो हर जगह महिलाएं परचम लहरा रही है. बस महिलाओं को मौका देने की जरूरत है. जैसे ही पहाड़ की महिलाओं को मौका मिलता है वह खुद को साबित करके दिखा देती हैं. साथ ही पहाड़ों में महिलाओं के जीवन से जुड़ी चुनौतियों को लेकर ऋतु खंडूड़ी ने कहा पहाड़ में महिलाओं के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सबसे ज्यादा काम करने की जरूरत है.