उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

केजरीवाल बोले- 22 साल में उत्तराखंड पर 72 हजार करोड़ का कर्ज कैसे? हम बदलेंगे तस्वीर

आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में पूरी ताकत झोंक रखी है. आप का दावा है कि वो इस बार उत्तराखंड की सत्ता पर काबिज होगी. उत्तराखंड में पहाड़ चढ़ने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी का क्या एजेंडा है ? किस के बल पर वो अपनी जीत का दावा कर रही है ? केजरीवाल ने क्यों कहा उत्तराखंड के नेता भ्रष्ट हैं और इनका पैसा स्विस बैंक में है. इन्हीं सब मुद्दों को लेकर ईटीवी भारत ने आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व आप के सीएम फेस अजय कोठियाल से बात की.

Arvind Kejriwal interview
अरविंद केजरीवाल

By

Published : Feb 8, 2022, 2:47 PM IST

Updated : Feb 9, 2022, 10:55 AM IST

हरिद्वार: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस-बीजेपी के बाद आम आदमी पार्टी (आप) पहाड़ों से लेकर मैदान तक बेहद सक्रिय दिखाई दे रही है. आप ने प्रदेश की सभी 70 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. इसके अलावा पार्टी ने कर्नल अजय कोठियाल को आप का सीएम चेहरा घोषित एक नया दांव भी खेला है. हालांकि उत्तराखंड का इतिहास रहा है कि जो भी पार्टी सीएम का चेहरा लेकर चुनावी मैदान में उतरी है, वो कभी सत्ता पर काबिज नहीं हो पाई है. वैसे आम आदमी पार्टी के इतिहास पर नजर डालें तो इस पार्टी ने बहुत कम समय में दिल्ली, गोवा और पंजाब जैसे राज्यों में अपनी अच्छी पकड़ बनाई है. उत्तराखंड में आप अपना भविष्य किस तरह देखती है, इसी को लेकर उत्तराखंड में ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ किरनकांत शर्मा ने आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व कर्नल अजय कोठियाल से खास बातचीत की.

ETV BHARAT पर केजरीवाल-कोठियाल EXCLUSIVE.

सवाल- ईटीवी भारत ने अरविंद केजरीवाल से पूछा कि आखिरकार उत्तराखंड में आकर आपने दिल्ली की तरह ही फ्री बिजली-पानी की घोषणा की यह कैसे संभव हो पाएगा?

जवाब-अरविंद केजरीवाल इस सवाल पर कहते हैं कि दिल्ली में जनता ने हमें एक मौका दिया और उस मौके के बाद हमने यह बताया कि काम कैसे किया जाता है. दिल्ली में एक ईमानदार सरकार बनाकर हमने वहां बहुत सारे काम किए हैं. जिसकी वजह से पहले जनता ने हमें 67 सीटें जिताई थी और उसके बाद फिर से बहुमत दिया था. दोबारा ये इसीलिए संभव हो पाया था क्योंकि हमने वहां पर काम किया. दिल्ली में आप ने बिजली-पानी का मुफ्त कनेक्शन देने के साथ ही कई मूलभूत सुविधा जनता को दी.

पढ़ें-केजरीवाल ने बीजेपी-कांग्रेस के वोटरों से मांगे वोट, गैरसैंण को राजधानी बनाने का वादा

अरविंद केजरीवाल ने कहा दिल्ली की तरह उत्तराखंड की जनता को भी यही मूलभूत सुविधाएं चाहिए. उत्तराखंड में भी लोगों को बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं चाहिए. लोगों को अस्पताल अच्छे चाहिए, शिक्षा चाहिए, रोजगार चाहिए और उत्तराखंड में हम जनता से बस यही कहने आए हैं कि अगर जनता हमें इस बार यह मौका देती है तो दिल्ली की तरह ही आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में भी ऐसे ही काम करके दिखाएगी.

सवाल- आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड में एक और वादा किया है, यदि प्रदेश में आप की सरकार बनती है तो आप 6 महीने में एक लाख रोजगार देंगे. यह कैसे संभव हो पाएगा?

जवाब-उत्तराखंड के हालत ठीक नहीं है. हमारी 5 साल की सरकार होगी और यह काम हम दो से चार महीने में नहीं करेंगे, बल्कि पूरे पांच साल में करेंगे. यह निरंतर चलता रहेगा, लेकिन इतना जरूर है कि हम जो भी बातें कर रहे हैं, उन्हें पांच सालों में पूरा करके दिखाएंगे. हमने जो एक लाख नौकरियों की बात की है, उसमें से बहुत सारी नौकरियां सरकार की मौजूदगी में खाली हैं, हम उनको भरेंगे. हम मोहल्ला क्लीनिक को उत्तराखंड में अच्छे से चला सकते हैं. हमें यहां पर स्कूल बनाने हैं, अस्पताल बनाने हैं. सड़कें बनानी हैं और हमने इन्हीं सब कामों को देख कर के ही एक रोड मैप तैयार किया था. इसमें लगभग एक लाख नौकरियां हम लोगों को देंगे स्वाभाविक है. उत्तराखंड में यह काम होंगे तो लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

पढ़ें-हरिद्वार की जनता का चुनावी मूड: खत्म होगा कांग्रेस का वनवास या कौशिक फिर मारेंगे बाजी?

आगे केजरीवाल ने कहा कि मुझे यह समझ नहीं आता कि 22 सालों में उत्तराखंड की सरकारों ने प्रदेश पर 72 हजार करोड़ रुपए का कर्ज कैसे चढ़ा दिया. जबकि उन्होंने 21 सालों में कोई भी नया काम नहीं किया है. मतलब साफ है कि यह सारा का सारा पैसा नेता लोग खा गए हैं और सीधा यह पैसा नेताओं की जेब में गया है.

अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए यह भी कहा है कि एक-एक नेता के पास सैकड़ों प्रॉपर्टी हैं. स्विस बैंक में भी उत्तराखंड के नेताओं का पैसा है. इतना ही नहीं विदेशों में यहां के नेताओं की ढेरों संपत्तियां मौजूद हैं. आप को सरकार में आते ही बस इस लूट-खसोट को बंद करना है.

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस राज्य में पैसे की कमी नहीं है. पर्यटन से लेकर आस्था और तमाम संसाधन यहां पर मौजूद हैं, जिससे यहां पर अच्छा खासा रेवेन्यू राज्य सरकार को प्राप्त हो सकता है. कर्जा लेने की तो कोई बात ही नहीं है.

केजरीवाल कहते हैं कि हमने एक मोटा मोटा आकलन लगाया है. इन सभी घोषणाओं को पूरा करने के लिए तीन से चार हजार करोड़ रुपए का खर्चा आएगा. यह खर्चा ज्यादा नहीं है. इस खर्चे में हम लोगों को बिजली-पानी तो मुफ्त देंगे ही साथ ही साथ महिलाओं को ₹1000 भी देंगे.

सवाल-आप तमाम नेताओं पर आरोप लगा रहे हैं. आम आदमी पार्टी भी एक राजनीतिक पार्टी है. आप भी एक राजनीतिक पार्टी चला रहे हैं. अगर कल के दिन दूसरी पार्टियों के नेता आपकी पार्टी में शामिल होते हैं तो क्या आप उनका स्वागत करेंगे?

पढ़ें-मसूरी में चुनावी गुगली! एक बहन लड़ रही कांग्रेस से चुनाव, दूसरी कर रही बीजेपी का प्रचार

जवाब-केजरीवाल ने कहा कि कई पार्टियों के नेता आम आदमी पार्टी में शामिल होना चाहते थे और यह उत्तराखंड के बड़े नेता थे, लेकिन हमने उन नेताओं को इसलिए अपनी पार्टी में शामिल नहीं किया क्योंकि वे लोग भ्रष्ट नेताओं में शामिल थे. हम ऐसे नेताओं को अपनी पार्टी में नहीं लेना चाहते हैं. लेकिन यह कहना गलत होगा कि तमाम पार्टियों के नेता भ्रष्ट हैं या खराब हैं. अगर हमें लगेगा कि कोई व्यक्ति अच्छा है, भ्रष्टाचार से दूर-दूर तक उसका नाता नहीं है तो ऐसे व्यक्ति का हम स्वागत करेंगे.

सवाल-अरविंद केजरीवाल जी आप कुछ भी कहें लेकिन हकीकत यही है कि कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक किसी भी सीट पर आपकी सीधे तौर पर किसी से टक्कर नहीं है. आपने तमाम सर्वे करवाए हैं. हमने खुद धरातल पर स्थिति देखी है. उसके बावजूद भी आप जीत का दम भर रहे हैं.

जवाब- देखिए मैं इन बातों पर विश्वास नहीं करता. क्योंकि जब हम दिल्ली में चुनाव लड़ रहे थे, तब भी तमाम सर्वे और तमाम एजेंसियां हमें यह बता रही थी कि आम आदमी पार्टी को 6 से 7 प्रतिशत ही वोट मिलेगा. लेकिन आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सरकार बनाई और वो भी पूर्ण बहुमत से. लोगों ने तो यहां तक कहा था कि केजरीवाल अपनी जमानत भी नहीं बचा पाएंगे. नतीजा आपके सामने है. पहले ही चुनावों में हमने 28 सीटों पर विजय हासिल की और सरकार बनाई. इसलिए नई पार्टी को सर्वे में आकलन करना यह सही नहीं है.

सवाल- केजरीवाल जी आप स्कूल, अस्पताल, मोहल्ला क्लीनिक और तमाम मुद्दों को लेकर के उत्तराखंड आए थे. फिर अचानक आप ने घोषणा कर दी कि हम उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाएंगे. यही तो दूसरी पार्टियां कर रही हैं धर्म आस्था का सहारा लेकर सत्ता पर काबिज हो रही हैं तो आप में और उनमें अंतर क्या है?

जवाब- देखिए आध्यात्म तो बहुत जरूरी है. किसी भी इंसान के लिए चाहे वह छोटा हो या बड़ा हो. हां हिंदू-मुस्लिम करके किसी को लड़वाना नहीं चाहिए और यह हमारी पार्टी करती नहीं है. हम दिल्ली में लोगों को मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे भेज रहे हैं. आम आदमी पार्टी और अन्य दलों में यही अंतर है. दूसरे दल नफरत की राजनीति कर रहे हैं. वे हिंदू और मुसलमान को लड़ाना चाहते हैं. लेकिन हम प्यार और मोहब्बत की राजनीति कर रहे हैं. अगर इसमें आस्था जुड़ती है तो इसमें गलत क्या है?

हमने तो साफ कहा है कि यदि उत्तराखंड में हमारी सरकार आती है तो हम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, ऋषिकेश, उज्जैन, काशी और राम मंदिर जैसे मंदिरों के यहां के लोगों को दर्शन करवाएंगे. सबसे बड़ी बात है कि उत्तराखंड के तो कण-कण में धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. यह राज्य बहुत खूबसूरत है, लेकिन यहां की सरकारों ने इस बात को समझा ही नहीं और अगर समझा होता तो किसी तरह के राजस्व की कमी नहीं होती. यहां इतना कुछ है देखने-सुनने और जानने के लिए.

सवाल-उत्तराखंड में स्थानीय राजधानी बड़ा मुद्दा है इसको लेकर आपका क्या कहना है? क्योंकि उत्तराखंड को अब तक भी स्थाई राजधानी नहीं मिली है.

जवाब-इस पर आम आदमी पार्टी के सीएम फेस कर्नल अजय कोठियाल ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि यहां सबसे पहले महत्वपूर्ण मुद्दा राजधानी ही था. लेकिन इस बारे में अब कोई बात भी नहीं करना चाहता है. आंदोलन के बाद उत्तराखंड अलग बना और राजधानी के लिए गैंरसैंण को चुना गया है, लेकिन किसी भी पार्टी ने इस पर ध्यान नहीं दिया. पिछली सरकारें अगर उस पर ध्यान दे देती तो आज गैंरसैंण और आसपास का इलाका विकसित हो जाता, लेकिन किसी की मंशा पहाड़ चढ़ने की थी ही नहीं.

पढ़ें-उत्तराखंड चुनाव में हवा हुए पलायन और आपदा जैसे मुद्दे, होने लगी तुष्टिकरण की राजनीति

अजय कोठियाल ने कहा कि उत्तराखंड को आज भी अपनी राजधानी नहीं मिल पा रही है. लेकिन आम आदमी पार्टी जैसे ही सत्ता में आती है तो सबसे पहला काम उसका लोगों को मूलभूत सुविधाएं देना तो होगा ही, साथ ही साथ उत्तराखंड को उसकी अपनी राजधानी देना भी होगा.

सवाल-अरविंद केजरीवाल जी और कर्नल कोठियाल जी आप दोनों से मेरा एक सवाल है. कर्नल कोठियाल को तो केदारनाथ में काम करते हुए लोगों ने देखा है. लोगों ने उन्हें सेना में देखा है फिर अचानक राजनीति में आप क्यों आ गए?

जवाब-अरविंद केजरीवाल इस पर मुस्कुराते हुए कहते हैं कि मैं इस सवाल का पहले जवाब देता हूं. हमने अपनी पार्टी में उन नेताओं को शामिल किया है, जो देशभक्ति का जज्बा रखते हैं और कोठियाल उनमें से एक हैं. कोठियाल के शरीर के अंदर कई गोलियां लगी हुई है, जो आज भी अंदर ही मौजूद हैं. इन्हें पहाड़ से प्रेम है. यहां के लोगों से प्रेम है और यह बेहद ईमानदार भी हैं. इसीलिए हमने इन पर दांव खेला है. सबसे अच्छी बात यह है कि रिटायरमेंट के बाद भी उन्होंने अपना काम नहीं छोड़ा और पहाड़ों पर यूथ फाउंडेशन बनाकर कई हजार बच्चों को इन्होंने सेना में शामिल करवाया है. तो ऐसे व्यक्ति को हम अपनी पार्टी में जगह न दें, भला ऐसा कैसे हो सकता है.

कर्नल अजय कोठियाल कहते हैं कि जिसके अंदर देशभक्ति का जज्बा है. जो अच्छा काम करना चाहता है. उसको राजनीतिक पार्टी में आकर के देश और जनता की सेवा करनी चाहिए. मैंने आम आदमी पार्टी इसीलिए चुनी क्योंकि इस पार्टी में कुछ अलग बात है. बीजेपी-कांग्रेस से यह पार्टी बेहद अलग है. अरविंद केजरीवाल जैसा चेहरा इस पार्टी के साथ जुड़ा हुआ है. इसलिए मैंने यह पार्टी राजनीति के लिए चुनी. मैं जनता से यही अपील करूंगा कि हर इंसान को कांग्रेस और बीजेपी को हराने के लिए आम आदमी पार्टी के साथ आना चाहिए जो इंसान ईमानदार है और देश के लिए कुछ करना चाहता है.

Last Updated : Feb 9, 2022, 10:55 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details