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इस्तीफे के बाद पूर्व पार्षद अजीत सिंह ने शुरू किया धरना, आमरण अनशन की दी चेतावनी

ऋषिकेश में कूड़े का निस्तारण नहीं होने पर पार्षद अजीत सिंह गोल्डी ने इस्तीफा देते हुए धरना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने अपना इस्तीफा एसडीएम के माध्यम से डीएम और मुख्यमंत्री को भेज दिया है. वहीं, देहरादून के सेलाकुई स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में कुड़ा डंप करने का विरोध किया जा रहा है.

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Published : Aug 25, 2022, 1:35 PM IST

ऋषिकेश: हरिद्वार ऋषिकेश रोड स्थित नगर निगम के डंपिंग जोन में हजारों टन कचरे का निस्तारण नहीं होने पर पार्षद और जनप्रतिनिधि भड़क गए हैं. कचरे का निस्तारण ना होने से नाराज पार्षद अजीत सिंह गोल्डी (Councilor Ajit Singh Goldie resigns) ने इस्तीफा दे दिया है. पार्षद अजीत सिंह गोल्डी ने कचरे का निस्तारण नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए अपना इस्तीफा एसडीएम के माध्यम से डीएम और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को भेज दिया है. इसके अलावा दो दिन से लगातार कचरे के निस्तारण के लिए धरना दिया जा रहा है. पार्षद ने आमरण अनशन की चेतावनी भी दी है.

हरिद्वार रोड स्थित डंपिंग ग्राउंड के सामने पार्षदों और जनप्रतिनिधियों ने दूसरे दिन भी धरना दिया. इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि पार्षद से लेकर केंद्र सरकार तक भाजपा की सरकार है. फिर भी कचरे का निस्तारण नहीं किया जाना अपने आप में माननीयों के बीच के विवाद को जगजाहिर कर रहा है. वहीं, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला ने कहा कि कचरा निस्तारण कोई राजनीति का मुद्दा नहीं है. यह एक जन समस्या है, जो विकराल रूप ले चुकी है. इस समस्या के समाधान के लिए जनता को भी नेताओं के साथ खड़े होने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि शहर में दो माननीयों के बीच की लड़ाई का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है. सरकार को दोनों माननीयों के बीच की रार को खत्म करना चाहिए. यदि लड़ाई ही करनी है तो यह लड़ाई विकास के लिए होनी चाहिए. लेकिन शहर में विकास की जगह विनाश की लड़ाई लड़ी जा रही है. बहरहाल पार्षद अजीत सिंह गोल्डी ने क्रमिक अनशन पर बैठने की बात कही है.
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सेलाकुई में कूड़ा डंप करने का विरोधः नगर निगम के सेलाकुई स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में कुड़ा डंप करने का लोग विरोध कर रहे हैं. स्थानीय लोग प्लांट के सामने धरने पर बैठ गए. साथ ही बुधवार को विकासनगर, हरबर्टपुर और मसूरी से आने वाली कूड़े की गाड़ियों को रोक दिया. इस बीच हंगामा हुआ तो पुलिस को बुलाना पड़ा. जिला प्रशासन और पुलिस ने कूड़े के ट्रकों को प्लांट के अंदर प्रवेश कराया.

वहीं, नगर निगम के सामने यह स्थिति रैमकी कंपनी के कारण हो रहा है. कंपनी और निगम प्रशासन के बीच चल रहे विवाद के कारण कंपनी प्लांट के कूड़े का निस्तारण नहीं कर रही है. इस कारण प्लांट में कूड़े का ढेर बढ़ता जा रहा है. वहीं, नगर आयुक्त का कहना है कि नई कंपनी के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं. निगम प्रशासन लगातार कोशिस कर रहा है कि प्लांट में कूड़ा शांतिपूर्वक डंप हो सके.

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