देहरादून:उत्तराखंड में प्रधानमंत्री के दौरे से पहले ऊर्जा कर्मचारियों ने प्रदेश भर में अंधेरा करने की तैयारी कर ली है. राज्य में 6 अक्टूबर से ऊर्जा कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं. 7 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऋषिकेश दौरा प्रस्तावित है. बड़ी बात यह है कि हड़ताल को दबाने की कोशिशों में जुटा प्रबंधन कर्मचारियों को हड़ताल खत्म कराने में अब तक नाकामयाब रहा है, जबकि विभागीय मंत्री ने भी कर्मचारियों को दो टूक चेतावनी दे दी है.
उत्तराखंड में ऊर्जा कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर सरकार और ऊर्जा निगम तमाम प्रयास करने का दावा कर रही है, लेकिन आज सचिव ऊर्जा सौजन्य के एक पत्र ने ऊर्जा निगम प्रबंधन पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं. दरअसल, ऊर्जा सचिव ने निगम के एमडी दीपक रावत और संदीप सिंघल को पत्र लिखकर निगम द्वारा कर्मचारियों की मांगें पूरी किए जाने के लिए कितना व्यय भार आयेगा, साथ ही अभी बातचीत किस स्तर तक पहुंची है, इन तमाम जानकारियों को नहीं दिए जाने की बात कही है.
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जाहिर है कि ऊर्जा सचिव ने कर्मचारियों की मांगों पर इतने समय बाद भी शासन को जानकारी नहीं देने की बात कहकर निगम प्रबंधन के हड़ताल को तुड़वाने की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यही नहीं विभागीय मंत्री के निर्देशों के अनुसार निगम प्रबंधन को इन कर्मियों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा गया था. लेकिन इसके बावजूद भी यदि अब तक यानी चिट्ठी लिखे जाने तक शासन को की जानकारी नहीं दी गई.