देहरादून: अभी तक आपने पुलिस का सख़्त चेहरा तो कई बार देखा होगा. लेकिन लॉकडाउन के दौरान सख्त पुलिस गरीब, मजदूर और असहाय लोगों के लिए मसीहा बनकर एक नई मिसाल पेश कर रही है. कोरोना वायरस की लड़ाई में लॉकडाउन के दौरान अधिकांश रोजगार बंद होने के कारण सबसे बड़ी मार गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों पर पड़ी है. जिसकी वजह से लोग भुखमरी के कगार पर आ गए हैं. दून पुलिस ऐसे लोगों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करवा रही है, ताकि इनके सामने रोजी-रोटी का संकट ना हो.
'संकटमोचक' की भूमिका में उत्तराखंड पुलिस. ये भी पढ़ें:CORONA: उत्तराखंड में बाहर से आ रहे लोग स्कूलों में होंगे क्वॉरंटाइन
लॉकडाउन के दौरान दून पुलिस इन दिनों अलग-अलग इलाकों में जरूरतमंद और असहाय लोगों के बीच खाद्य सामग्री का वितरण कर इंसानियत का धर्म निभा रही है. जानलेवा कोरोना वायरस जनता तक ना फैले, इसको लेकर 24 घंटे सड़कों पर ड्यूटी देने वाले पुलिसकर्मी उन दरवाजों पर भी दस्तक दे रही है, जिन्हें इस संकट की घड़ी में दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो पा रही है.
ETV BHARAT से खास बातचीत में देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान गरीब मजदूर कामकाज ठप होने के चलते आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. ऐसे में दून पुलिस हर इलाके में मजबूर और असहाय लोगों को चिन्हित कर हर संभव मदद उपलब्ध करवा रही है.