देहरादून: दुनिया कोरोना की वैक्सीन खोजकर महामारी पर कब जीत हासिल करेगी ये तो कहना मुश्किल हैं, लेकिन दून मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स ने दवाईयों के कॉकटेल से संक्रमित मरीजों को 100 फीसदी ठीक करने का रिकॉर्ड जरूर हासिल कर लिया है. अस्पताल में क्या है उपचार का तरीका और संजीवनी बनी दवाईयों का कौन सा है वो 'कॉकटेल' देखिये इस रिपोर्ट में...
कोरोना के लिए आईसीएमआर की तरफ से किसी निश्चित दवाई के प्रयोग पर गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. ऐसे में मेडिकल एक्सपर्ट कोविड-19 के मंरीज को विभिन्न स्टडी पर आधारित दवाईयों को दे रहे हैं. लेकिन इस बीच दून मेडिकल की टीम ने विभिन्न दवाईयों और उपचार के तरीकों से न केवल कोरोना मरीजों को 100 फीसदी ठीक करने में कामयाबी हासिल की है बल्कि 10 से 12 दिनों की एवरेज समय सीमा में मरीजों को स्वस्थ कर डिस्चार्ज भी किया है, जबकि कई मरीजों को इससे भी जल्दी अस्पताल से छुट्टी दी गयी है.
दून मेडिकल कॉलेज से अब तक करीब 24 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं. इन मरीजों को वो खास दवाईयां दी गयी हैं जो विश्व स्तरीय स्टडी और विभिन्न दूसरी बीमारियों में भी दी जाती हैं, दवाईयों का ये कॉकटेल इस तरह से तैयार किया गया है, जिससे मरीज को वायरस से लड़ने की ताकत मिले और जल्द से जल्द मरीज को स्वस्थ किया जा सके.
क्या है दवाइयों का 'कॉकटेल'
Tab HCQS
- ये दवाई मलेरिया और जोड़ों की बीमारी के लिए दी जाती है. यहां इसका प्रयोग मरीज को कोरोना से गंभीर स्थिति में जाने से बचाने के लिए किया गया है.
TAB Ivermactin
- ये दवाई आमतौर पर पेट के कीड़ों को मारने के लिए प्रयोग की जाती है. यहां इसे वायरल को कम करने के लिए दिया जा रहा है.
Tab Azithromycin
- ये एक एंटीबायोटिक दावा है. दूसरी दवाओं के साथ ये वायरल को कम करने में प्रभावी है.
विटामिन C, Zinc Antioxidant
- इस दवा का भी मरीजों पर बेहतर असर हो रहा है और ये वायरल को कम करती है.
Lopinavir and Ritonavir
- ये भी एंटीवायरल दवा है, जिसे महज गंभीर स्थिति में ही मरीजों को दिया जा रहा है.