देहरादून: नगर निगम ने बिना अनुमति के कूड़ा ट्रांसफर प्लांट में कूड़ा डालने पर कैंट बोर्ड क्लेमेंट टाउन के दो अलग-अलग वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की है. नगर निगम ने दोनों वाहनों पर 10-10 लाख कुल 20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. नगर निगम ने कैंट बोर्ड को जुर्माना भरने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है. अगर इस दौरान जुर्माना जमा नहीं किया जाता है, तो नगर निगम द्वारा मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई करेगी. वहीं, निगम ने सहस्त्रधारा रोड पर दो आवासीय सोसायटी को भी नोटिस जारी करते हुए 10-10 लाख का जुर्माना लगाया है.
बता दें, शीशमबाड़ा स्थित नगर निगम के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एवं रीसाइक्लिंग प्लांट में कूड़े का पहाड़ खड़ा होने से नगर निगम ने कैंट बोर्ड क्लेमेंट टाउन, मसूरी, हरबर्टपुर और विकासनगर निकाय को एक अगस्त से कूड़ा डालने के लिए मना कर दिया था. शीशमबाड़ा में कूड़ा डालने से मना करने के बावजूद कैंट क्लेमेंट टाउन की गाड़ियां नगर निगम के कारगी स्थित प्लांट में कूड़ा डाल रही थी. जबकि, यहां भी बिना अनुमति के कैंट बोर्ड को कूड़ा डालने से निगम ने मना किया था.
देहरादून नगर निगम ने कैंट बोर्ड की गाड़ियों पर लगाया 20 लाख का जुर्माना. पढ़ें- DMC के सामने बड़ी समस्या, कारगी में खड़ा हो सकता कूड़े का नया पहाड़, शीशमबाड़ा भी बना मुसीबत
22 सितंबर को सूचना के बाद नगर निगम ने कैंट बोर्ड के दो कूड़ा वाहनों को पकड़ा था. इसके बाद निगम ने कैंट बोर्ड को नोटिस भेजकर जवाब देने को कहा था लेकिन कैंट बोर्ड से किसी भी तरह का कोई जवाब नहीं मिला. वहीं, निगम ने सहस्त्रधारा रोड पर दो आवासीय सोसायटियों को भी नोटिस जारी करते हुए 10-10 लाख का जुर्माना लगाया है. सहस्त्रधारा रोड के गंगोत्री विहार स्थित क्लासिक अपार्टमेंट और मयूर विहार स्थित रेजिजोन रेजिडेंसी के 225 फ्लैट और 65 फ्लैट हैं. दोनों आवासीय सोसायटियों के भवनों में कोई सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) नहीं मिला. टीम को पता चला कि रेसिजोन रेजीडेंसी सोसाइटी के सीवरेज का पानी पास के नाले और गलियों में छोड़ा जा रहा है.
नगर स्वास्थ्य अधिकारी अविनाश खन्ना ने बताया कि कैंट बोर्ड से नोटिस का किसी भी तरह का कोई जवाब नहीं आने के बाद नगर निगम द्वारा कैंट बोर्ड पर प्रति वाहन 10-10-लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है. साथ ही दो सोसाइटी पर सीवर और गंदगी डालने पर दस-दस लाख का जुर्माना लगाया गया है. नोटिस का जवाब एक हफ्ते में देने को कहा गया है. ऐसा ना करने पर कैंट बोर्ड और आवासीय सोसाइटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा.