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संभल कर! कोरोना मरीज को अस्पताल में बेड दिलाने के नाम पर ठगी, कोरोनाकाल में बढ़ा साइबर अपराध

देहरादून में लॉकडाउन के दौरान साइबर क्राइम के मामले बढ़े हैं. साइबर पुलिस द्वारा जागरूकता अभियान के बावजूद लोग इन ठगों के जाल में फंसते नजर आ रहे हैं.

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Published : May 25, 2021, 9:52 AM IST

Updated : May 25, 2021, 5:51 PM IST

राजधानी में बढ़ता साइबर क्राइम का ग्राफ
राजधानी में बढ़ता साइबर क्राइम का ग्राफ

देहरादून: उत्तराखंड में साइबर क्राइम का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है. ताजा मामला कोरोना मरीजों को अस्पताल में बेड दिलाने के नाम पर ठगी करने का है. एक अन्य मामले में ट्रेडिंग कंपनी में नया धंधा शुरू करने के नाम पर एक व्यक्ति से 60 लाख रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है. साइबर पुलिस ने इस मामले में शिकायतकर्ता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.

साइबर पुलिस के सामने बड़ी चुनौती.

देहरादून साइबर पुलिस के मुताबिक थाना डोईवाला क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले हर्रावाला निवासी अभिनव पंवार ने प्रार्थना पत्र देकर बताया कि कोरोनाकाल में लॉकडाउन में व्यापार बंद होने के चलते कुछ काम शुरू करने की योजना थी. इसी बीच उनका संपर्क राधाकृष्ण ट्रेडिंग कंपनी से हुआ, जिसमें बताया गया कि ट्रेडिंग धंधे में इन्वेस्टमेंट कर काफी मुनाफा कमाया जा सकता है.
ऐसे में ट्रेडिंग कंपनी की बात पर विश्वास करते हुए अलग-अलग तारीख में लगभग 60 लाख रुपये जमा कराए गए. रुपये जमा होने के कुछ दिन बाद ट्रेडिंग कंपनी के लोगों ने अपना संपर्क बंद कर दिया. ऐसे में जानकारी जुटाने पर पता चला कि साइबर ठगों द्वारा यह जाल बुना गया था. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
अस्पताल में बेड बुक करने के नाम पर ठगी

दूसरा मामला हॉस्पिटल में बेड बुक कराने के नाम पर साइबर ठगी का है. थाना वसंत विहार क्षेत्र के अंतर्गत चमन विहार निवासी द्वारा साइबर पुलिस स्टेशन में प्रार्थना पत्र देकर बताया गया कि उन्हें अपने परिचित के लिए अस्पताल में बेड बुक कराने की कॉल आई थी. बुकिंग के नाम पर उन्होंने एडवांस ऑनलाइन 20 हजार रुपए जमा कराए थे. जब संबंधित अस्पताल से संपर्क किया गया तो पता चला कि कोई बुकिंग ही नहीं हुई है. ऐसे में पता चला कि यह धोखाधड़ी साइबर ठगों द्वारा की गई.

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर पुलिस स्टेशन में तैनात सब इंस्पेक्टर निर्मल भट्ट द्वारा संबंधित बैंक के नोडल अधिकारी से संपर्क किया गया तो पता चला कि 20 हजार रुपए की धनराशि झारखंड के यूनियन बैंक में ट्रांसफर हुई हैं. ऐसे में तत्काल अकाउंट फ्रीज करा दिया गया है, संबंधित नंबर झारखंड का बताया जा रहा है.


किसी के भी झांसे में न आएं.


मोबाइल रिचार्ज कराने के नाम पर धोखाधड़ी
साइबर क्राइम का तीसरा मामला भी देहरादून के थाना वसंत विहार क्षेत्र का है. यहां इंदिरा नगर निवासी ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा रिचार्ज कराने के नाम पर 45,000 रुपए ठगी करने का मामला दर्ज कराया है.

इस मामले में साइबर पुलिस देहरादून द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए उप निरीक्षक हिम्मत शाह और कांस्टेबल पवन द्वारा त्वरित कार्रवाई कर वॉलेट के नोडल अधिकारी से संपर्क करते हुए लगभग ₹20,000 की रकम शिकायतकर्ता के खाते में वापस कराई गई. हालांकि, साइबर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है.


इन बातों का रखें ध्यान.

परिचित बताकर 35 हजार रुपए ठगे
साइबर क्राइम का चौथा मामला थाना डोईवाला क्षेत्र से सामने आया है. यहां हर्रावाला निवासी शिकायतकर्ता ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को तहरीर देते हुए बताया कि उनको एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा स्वयं को उनका परिचय बताते हुए कुछ पैसे भेजने की रिक्वेस्ट की गई. एक लिंक के माध्यम से ठगों ने शिकायतकर्ता के अकाउंट से ₹34,958 रुपये धोखाधड़ी कर निकाल लिए.


साइबर क्राइम से कैसे बचें.

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इस मामले में साइबर पुलिस ने शिकायत दर्ज करते हुए जांच पड़ताल की तो पता चला कि ठगी की गई धनराशि मुंबई के यस बैंक खाते में ट्रांसफर हुई है. वहीं अज्ञात कॉलर के बारे में जब जानकारी जुटाई तो पता चला कि कॉलर असम राज्य का रहने वाला है. इस मामले में साइबर पुलिस मुकदमा दर्ज कर तकनीकी टीम के साथ कार्रवाई में जुट गई है.

Last Updated : May 25, 2021, 5:51 PM IST

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