देहरादून: मुख्य सचिव एसएस संधू ने राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने कहा प्रदेश में पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियां और जलवायु अलग-अलग हैं. इसलिए कृषि और उत्पादन से संबंधित क्षेत्र की विशेष योजनाओं को जलवायु और परिस्थितियों को देखते हुए तैयार किया जाए. जिससे किसानों को अपने उत्पादन में नुकसान न उठना पड़े.
बैठक में मुख्य सचिव ने कहा किसानों के लिए जो भी अच्छी योजनाएं हैं, उनको लेकर किसी प्रकार की भी कोताही न बरती जाए. अगर इन योजनाओं के लिए फंड की कमी पड़ती है तो, उसके लिए राज्य सरकार फंड उपलब्ध करवाएगी. ताकि कृषि और उत्पादन में किसी प्रकार की कमी न हो.
मुख्य सचिव एसएस संधू ने सचिवालय में राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन की कार्यकारी समिति की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने कहा किसानों को उनके उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध करवाया जाए. अगर काश्तकारों के उत्पादन के लिए बाजार नहीं मिलेगा तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा. बाजार की उपलब्धता के लिए हर संभव प्रयास किए जाए.
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मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में नई वेरायटी की फसलों को तैयार किया जाए. जिसमें विभिन्न दालों सहित पोषक अनाज और तिलहन की खेती को अधिक से अधिक विकसित किया जाए. इन उत्पादों के उत्पादन बढ़ने से किसानों की आय को बढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहन मिलेगा.
मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के क्रियान्वयन को लेकर भी अधिकारियों से समीक्षा रिपोर्ट मांगी. संधू ने कहा किसानों और बागवानों को वॉलनट और कीवी के उत्पादन के लिए भी प्रोत्साहित किया जाए. साथ ही प्रदेश में फसलों के उत्पादन को जंगली जानवरों से बचाने के लिए बायोफेसिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए. उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि इंटीग्रेटेड प्लान तैयार कर पलायन ग्रसित गांवों में एग्रीगेटर प्लान तैयार किया जाए. किसानों के उत्पादन और आय को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण और इंसेटिव पर भी जोर दिया जाए.