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परिसंपत्ति विवाद निपटारे को कांग्रेस ने बताया धामी सरकार का सरेंडर, बनाई घेरने की रणनीति - यूपी-उत्तराखंंड परिसंपत्ति विवाद निपटारा

परिसंपत्ति विवाद मामले पर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है. जहां बीजेपी इसे अपनी बड़ी उपलब्धि बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे सरकार का यूपी के सामने आत्मसमर्पण बता रही है. कांग्रेस ने सीएम धामी पर हाईकमान के दबाव में सरेंडर करने का आरोप लगाया है.

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परिसंपत्ति विवाद निपटारे को कांग्रेस ने बताया सरेंडर

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Published : Nov 20, 2021, 4:26 PM IST

Updated : Nov 20, 2021, 10:03 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में परिसंपत्ति विवाद को लेकर कई मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश से बातचीत करने और फिर वाह वाही लूटने की कोशिश करते रहे हैं. यह पहला मौका है जब धामी सरकार ने इस विवाद के पूर्ण निपटारे का दावा किया है. शायद अभी परिसंपत्ति से जुड़ा यह विवाद खत्म नहीं हुआ है. कांग्रेस के जोरदार विरोध को देखकर तो कुछ यही लग रहा है. कांग्रेस ने न केवल मुख्यमंत्री धामी पर उत्तर प्रदेश के सामने सरेंडर करने का आरोप लगाया है, बल्कि इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाने की भी बात कही है.

सालों पुराना है विवाद: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच हजारों करोड़ रुपए की परिसंपत्तियों के विवाद को पिछले 21 सालों में नहीं सुलझाया जा सका है. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच सरकार के स्तर पर कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन न तो उत्तर प्रदेश इन संपत्तियों पर अपना हक खत्म करना चाहता है और ना ही उत्तराखंड अपने हक की परिसंपत्तियों को छोड़ना चाहता है. शायद यही कारण है कि सिंचाई विभाग से लेकर परिवहन, राजस्व और तमाम दूसरे विभागों की परिसंपत्तियां आज भी विवादों में ही बनी हुई हैं. इतना ही नहीं कई परिसंपत्तियों को लेकर कोर्ट में भी सरकार के स्तर पर पैरवी की जा रही है.

परिसंपत्ति विवाद निपटारे को कांग्रेस ने बताया सरेंडर

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सीएम धामी ने किया विवाद सुलझाने का दावा: बीते कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लखनऊ जाकर योगी आदित्यनाथ से बातचीत की. जिसके बाद दावा किया गया कि परिसंपत्तियों के विवाद को पूरी तरह से सुलझा लिया गया है. खास बात यह है इसमें दोनों सरकारों की ओर से कोर्ट में तमाम मामलों को लेकर डाली गई याचिकाओं को भी वापस लेने पर सहमति बनी है.

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फैसले के विरोध में उतरे हरीश रावत: भाजपा इस उपलब्धि को एक बड़ी कामयाबी के रूप में जनता के बीच ले जाने की कोशिश कर रही है. वहीं, अब कांग्रेस ने इस पर जोरदार पलटवार किया है. कांग्रेस ने इसके खिलाफ एक आंदोलन खड़ा करने की बात कही है. मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा जल विद्युत परियोजना से लेकर सिंचाई विभाग और परिवहन तक में जो समझौते हुए हैं, वह उत्तराखंड के हक में नहीं हैं. इससे उत्तराखंड को भारी नुकसान होगा. हरीश रावत ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के भविष्य का इस तरह फैसला नहीं कर सकते हैं. हरीश रावत यहीं पर नहीं रुके. उन्होंने कहा इस समझौते में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने योगी आदित्यनाथ के सामने पूरी तरह से सरेंडर किया है. उन्होंने उत्तराखंड के हक पर योगी के सामने आत्म समर्पण कर दिया है.

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विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस उठाएगी मुद्दा: इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने संयुक्त रूप से पत्रकारों से बात की. प्रीतम सिंह ने आगामी विधानसभा सत्र के दौरान सदन में इसका विरोध करने की बात कही. प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा यह दिन उत्तराखंड के लिए काला दिन है. इसे कांग्रेस काले दिवस के रूप में मनाएगी. यही नहीं उन्होंने कहा वे इस मामले में मुख्यमंत्री के इस्तीफे की भी मांग करेंगे. गणेश गोदियाल ने कहा कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक बुलाकर राज्यपाल से भी मिलने का कार्यक्रम तय कर रही है. इसके जरिए राज्यपाल को इस प्रदेश विरोधी फैसले से अवगत कराया जाएगा. इतिहास में कांग्रेस इस दिन को दर्ज करवाएगी.

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बेवजह विरोध कर रही कांग्रेस: भाजपा ने भी कांग्रेस के विरोध पर पलटवार किया है. भाजपा का कहना है हरीश रावत प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, उस दौरान उन्होंने अखिलेश यादव के यहां खूब चक्कर लगाए, लेकिन वह खुद परिसंपत्ति के मामले पर कभी कुछ नहीं कर पाए. अब हरीश रावत को लगता है कि एक युवा मुख्यमंत्री ने इतना बड़ा काम कर दिया है. जिससे वे घबरा गये हैं. यही कारण है कि वे बेवजह इसका विरोध कर रहे हैं.

Last Updated : Nov 20, 2021, 10:03 PM IST

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