देहरादून: चंपावत उपचुनाव संपन्न हो गए हैं और अब 3 जून को चंपावत उपचुनाव को लेकर फैसला आएगा, लेकिन कांग्रेस को शायद अभी से हार का डर सताने लगा है. चंपावत उपचुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है. इसी को लेकर कांग्रेस ने आज देहरादून में एक प्रेस वार्ता की और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा.
उत्तराखंड में कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि चंपावत उपचुनाव में भाजपा सरकार गुंडागर्दी पर उतर आई थी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भाजपा का पटका पहनकर नामांकन और वोटिंग करने पहुंचे, जो आचार संहिता का खुला उल्लंघन था. चंपावत उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत सभी बीजेपी नेता और कार्यकर्ताओं ने आचार संहिता की खुलेआम धज्जियां उड़ाई. अंतिम चरण में तो बीजेपी ने हद ही कर दी थी.
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उन्होंने कहा कि जब एक बार चुनाव प्रचार प्रसार थम जाता है, उसके बाद प्रत्याशियों या पार्टियों को सार्वजनिक रूप से प्रचार-प्रसार की इजाजत नहीं होती, लेकिन मुख्यमंत्री ने पब्लिकली मोटरसाइकिल रैली निकाली. गरिमा ने सवाल उठाया है कि ऐसे में लोकतंत्र और संविधान की मुख्यमंत्री क्या सफाई देंगे? उन्होंने कहा कि जिस दिन मतदान हुआ उस दिन 50 प्रतिशत से ज्यादा केंद्रों में कांग्रेस के एजेंट को प्रवेश नहीं दिया गया, इससे समझा जा सकता है कि चुनाव को प्रभावित करने के लिए धामी सरकार कितने निचले स्तर तक गिर गई.
महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने कहा कि चंपावत की जनता कांग्रेस को वोट देना चाहती थी, लेकिन भाजपा ने इलेक्शन के नियमों का जमकर उल्लंघन किया. ज्योति रौतेला ने भीमताल विधायक का नाम लेते हुए कहा कि वहां के विधायक राम सिंह कैड़ा ने कल पोलिंग बूथों में जाकर वोट डलवाए, जो नियमों के खिलाफ हैं.
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इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि 76 बूथों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, लेकिन उन सभी बूथों पर 2 से 3 घंटे तक विद्युत आपूर्ति बाधित कर दी गई. इस बीच भाजपा ने डरा धमाका कर वहां फर्जी वोटिंग करवाई. चंपावत उपचुनाव में सत्ता का नंगा नाच देखने को मिला है, क्योंकि खुद मुख्यमंत्री ने चुनाव आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई और नियमों को ताक पर रखकर घोषणाएं की.