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उत्तराखंड: रोजगार पर तकरार, बेरोजगारों की भरमार

उत्तराखंड में विपक्ष इन दिनों रोजगार के मुद्दे पर सरकार को घेरने में लगी हुई है. वहीं, सरकार साढ़े तीन साल के कार्यकाल में 7 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार देने की बात कह रही है.

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Published : Oct 18, 2020, 8:29 PM IST

Updated : Oct 19, 2020, 1:10 PM IST

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रोजगार पर तकरार

देहरादून: उत्तराखंड राज्य में इन दिनों बेरोजगारी का मुद्दा चरम पर है. राज्य सरकार ने साढ़े 3 साल पूरा होने पर प्रदेश में दिए गए रोजगार को लेकर बखान कर रही है. वहीं, विपक्ष बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर लगातार राज्य सरकार की घेराबंदी करने में जुटी हुई है. यही नहीं, दिन प्रतिदिन विपक्ष के नेता बेरोजगारी को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर होते जा रहे हैं.

हालांकि ईटीवी भारत को सेवायोजन विभाग से मिले आंकड़े काफी चौकने वाले है. क्योंकि पिछले साढ़े 3 सालों के भीतर प्रदेश भर में 4,69,907 शिक्षित बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया है, लेकिन मात्र 16 हजार लोगों को ही नियमित रोजगार मिला है. आखिर क्या है बेरोजगारी की वास्तविक तस्वीर? देखिए स्पेशल रिपोर्ट

रोजगार पर तकरार, बेरोजगारों की भरमार.

सीमित आर्थिक संसाधन राह में रोड़ा

उत्तराखंड राज्य में आर्थिकी के सीमित संसाधन है. जिसके चलते सरकार तमाम विभागों में खाली पड़े रिक्त पदों को नहीं भर पा रही है. हालांकि, प्रदेश में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी को देखते हुए सरकार योजनाओं के माध्यम से लोगों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने की कवायत में जुटी हुई है. इसके साथ ही मनरेगा के माध्यम से हर साल 6 लाख लोगों को रोजगार दे रही है. कोविड के दौरान पिछले सालों की तुलना में 2 लाख अतिरिक्त लोगों को रोजगार दिया गया है. राज्य सरकार का दावा है कि आगामी तीन माह में कैंपा के तहत हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएगी.

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 43 करोड़ का लोन

वैश्विक महामारी कोरोना काल के दौरान अन्य राज्यों से लौटे प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की शुरुआत की गई. हालांकि, इस योजना के तहत 15 सितंबर तक प्रदेश के 1,142 लोगों को 43 करोड़ रुपए का लोन दिया जा चुका है. इसके साथ ही इस योजना के तहत, सरकार की ओर से 10 से 25 प्रतिशत तक अनुदान भी दिया जा रहा है. ताकि प्रदेश के भीतर रोजगार की रफ्तार को और तेज किया जा सके.

साढ़े तीन सालों में करीब 7 लाख से अधिक लोगों को रोजगार

त्रिवेंद्र सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल (अप्रैल 2017 से सितम्बर 2020) में तमाम विभागों के अंतर्गत करीब 7 लाख 12 हजार से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया गया है. इनमें से नियमित रोजगार लगभग 16 हजार, आउटसोर्स के माध्यम से 1 लाख 15 हजार और स्वयं उद्यमिता/निर्माणाधीन परियोजनाओं से रोजगार लगभग 5 लाख 80 हजार लोगों को रोजगार दिया गया है. वहीं, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से 2017 से 2020 तक कुल 59 परीक्षाएं आयोजित की गईं, जिनमें 6000 पदों पर चयन पूर्ण किया गया और 7200 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है.

कैम्पा और जयका के माध्यम से 15 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि कैम्पा योजना के माध्यम से प्रदेश के सभी ग्राम सभा में एक ग्राम प्रहरी और एक सहायक के रूप में करीब 10 हजार लोगों को रोजगार देने जा रहे हैं. इसके साथ ही जायका के माध्यम से भी करीब 5 हजार लोगों को रोजगार दिए जाने की व्यवस्था की जा रही है. ताकि प्रदेश में बढ़ रही बेरोजगारी पर थोड़ी लगाम लगाई जा सके.

सीएम ने रिक्त पदों को भरने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि रिक्त पड़े पदों पर भर्तियां की प्रक्रिया शुरू करें, जिसके बाद तमाम विभाग रिक्त पदों पर भर्ती करने का प्रस्ताव भेज रहे हैं. सीएम ने कहा कि कुछ विभागों का मामला कोर्ट में होने के चलते थोड़ी दिक्कतें जरूर आयी है. इसी तरह फॉरेस्ट गार्ड भर्ती मामला भी जांच में चला गया, लेकिन इससे अतिरिक्त रोजगार और स्वरोजगार को लेकर सरकार बड़े स्तर पर कार्य कर रही है.

हरीश रावत ने रोजगार पर खड़े किये सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड राज्य को अपनी एक 'त्रिवेंद्र श्री' बनाना चाहिए और साढ़े सात लाख लोगों को रोजगार देने की वजह से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को 'त्रिवेंद्र श्री मुकुट' से सजा देना चाहिए. साथ ही कहा कि जिन साढ़े 7 लाख लोगों को रोजगार दिया गया है, उनमें से राज्य सरकार मात्र साढ़े 7 हजार लोगों के ही नाम गिना दे तो वो खुद सीएम त्रिवेंद्र रावत को गुलदस्ता भेंट करने जाएंगे.

2017 से जून 2020 तक शिक्षित बेरोजगारों का पंजीकरण

  1. अल्मोड़ा जिले में इन साढ़े तीन सालों के भीतर 36,933 शिक्षित बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया है.
  2. नैनीताल जिले में इन साढ़े तीन सालों के भीतर 46,588 शिक्षित बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया है.
  3. पिथौरागढ़ जिले में इन साढ़े तीन सालों के भीतर 31,853 शिक्षित बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया है.
  4. उधमसिंह नगर जिले में इन साढ़े तीन सालों के भीतर 51,431 शिक्षित बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया है.
  5. बागेश्वर जिले में इन साढ़े तीन सालों के भीतर 16,803 शिक्षित बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया है.
  6. चंपावत जिले में इन साढ़े तीन सालों के भीतर 15,149 शिक्षित बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया है.
  7. देहरादून जिले में इन साढ़े तीन सालों के भीतर 67,809 शिक्षित बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया है.
  8. टिहरी जिले में इन साढ़े तीन सालों के भीतर 35,632 शिक्षित बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया है.
  9. उत्तरकाशी जिले में इन साढ़े तीन सालों के भीतर 28,192 शिक्षित बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया है.
  10. हरिद्वार जिले में इन साढ़े तीन सालों के भीतर 53,408 शिक्षित बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया है.
  11. पौड़ी जिले में इन साढ़े तीन सालों के भीतर 42,341 शिक्षित बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया है.
  12. चमोली जिले में इन साढ़े तीन सालों के भीतर 25,902 शिक्षित बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया है.
  13. रुद्रप्रयाग जिले में इन साढ़े तीन सालों के भीतर 17,866 शिक्षित बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया है.

शिक्षित बेरोजगारों का पंजीकरण

  1. 2017 में प्रदेश भर में 1,58,431 शिक्षित बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया था.
  2. 2018 में प्रदेश भर में 1,45,515 शिक्षित बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया था.
  3. 2019 में प्रदेश भर में 1,10,699 शिक्षित बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया था.
  4. 2020 के जून महीने तक प्रदेश भर में 55,262 शिक्षित बेरोजगार पंजीकरण करा चुके हैं.
  5. साल 2017 से जून 2020 तक प्रदेश में कुल 4,69,907 शिक्षित बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया है.
Last Updated : Oct 19, 2020, 1:10 PM IST

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