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उत्तराखंड: नौ महीने बाद खुले कॉलेज और यूनिवर्सिटी, छात्रों की संख्या रही बेहद कम

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Published : Dec 15, 2020, 8:00 PM IST

उत्तराखंड में करीब साढ़े आठ महीने बाद खुले उच्च शिक्षा संस्थानों में पहले दिन मंगलवार को छात्रों की बहुत कम संख्या दिखी.

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उत्तराखंड में खुले पीजी कॉलेज.

देहरादून/हरिद्वार/रुद्रप्रयाग/चमोली: कोरोना की वजह से मार्च के आखिर में बंद हुए कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों में मंगलवार (15 दिसंबर) से ऑफलाइन पढ़ाई शुरू हो गई है. उत्तराखंड सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि सभी छात्रों को कॉलेज में आने के लिए कोरोना आरटी पीसीआर की टेस्ट रिपोर्ट और अभिभावकों से अनुमति पत्र लेकर आना होगा. वहीं पहले दिन प्रदेश के अधिकाश कॉलेज में बच्चे न के बराबर ही आए.

राजधानी देहरादून के एमकेपी कॉलेज में पहले दिन छात्राओं की ज्यादा उपस्थिति देखने को नहीं मिली, लेकिन छात्राओं का मानना है कि उन्हें पर्याप्त समय दिया जाए. इसके अलावा कॉलेज संचालकों का भी यह मानना है कि कॉलेजों में पठन-पाठन की प्रक्रिया को अभी पटरी पर आने में थोड़ा वक्त लगेगा. इसलिए शुरुआती समय में छात्र-छात्राओं पर अत्यधिक दबाव डालना सही विकल्प नहीं है.

चमोली: छात्रों के चेहरे पर दिखी खुशी

चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर में स्थित श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय परिसर में शिक्षक भी बच्चों को पढ़ाने के लिए खासे उत्साहित दिखे. महाविद्यालय खुलने से छात्रों के चहरों पर खुशी दिखी. करीब साढ़े आठ महीने कॉलेज पहुंचे छात्रों ने कहा कि लॉकडाउन कि कारण उनके दो सेमेस्टरों की पढ़ाई भी छूट चुकी है. हालांकि लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही थी, लेकिन पहाड़ी जनपद होने के कारण कई क्षेत्रों में नेट कनेक्टिविटी न होने के कारण सभी छात्रों को इसका लाभ नहीं मिल पाया.

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राजनीति विज्ञान के विभागध्यक्ष भगवती प्रसाद पुरोहित ने कहा कि सरकार द्वारा जारी आदेशों के क्रम में जनपद के सभी महाविद्यालयों के साथ गोपेश्वर स्थित श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय परिसर भी छात्रों के विधिवत पठन-पाठन के लिए खोल दिया गया है. फिलहाल एक कक्षा में 50 प्रतिशत छात्रों को ही बैठाया जा रहा है. कॉलेज आने वाले छात्रों से उनके अभिभावकों के द्वारा लिखित अनुमति पत्र भी लिया जा रहा है. कॉलेज में आने वाले हर व्यक्ति की तापमान चेक किया जा रहा है.

हरिद्वार में कॉलेज खोलने की तैयारी शुरू

जिले के सबसे बड़े एसएमजेएन पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर सुनील बत्रा ने कहा कि सरकार की तरफ से जो गाइडलाइन जारी की गई है उनका पूरा पालन किया जाएगा. कक्षाओं में एक तिहाई छात्रों को ही बैठाया जाएगा. मास्क पहनने के साथ हाथों को सैनिटाइज करने की हिदायत दी गई है. किसी भी छात्रा में यदि कोविड-19 के कोई लक्षण मिलते है तो यथासंभव उपचार के लिए भेजा जाएगा.

रुद्रप्रयाग: बहुत कम संख्या में कॉलेज पहुंचे छात्र

जिले का सबसे बड़े अगस्त्यमुनि महाविद्यालय में भी मंगलवार को कक्षाएं शुरू हो गई है. हालांकि पहले दिन छात्रों में उतना उत्साह नजर नहीं आया. दस फीसदी से कम छात्र-छात्राएं कॉलेज में आए. हालांकि महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक उपस्थित रहे. छात्रों की कम संख्या का कारण केवल प्रथम वर्ष और प्रयोगात्मक विषय वाले छात्रों को ही बुलाना रहा. बीएससी प्रथम वर्ष के 360 छात्रों में से केवल 34 छात्र ही उपस्थित हो पाये. जबकि बीए प्रथम वर्ष में गृह विज्ञान और भूगोल विषय के छात्रों को बुलाया गया था. लेकिन यहां भी मात्र 21 छात्र ही आये, जबकि 270 छात्रों ने प्रवेश लिया था.

महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो पुष्पा नेगी ने बताया कि केवल प्रथम वर्ष के प्रयोगात्मक विषय वाले छात्रों को ही ऑफलाइन पढ़ाई के लिए बुलाया जा रहा है. अन्य छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई पहले की तरह ही जारी है. सरकार की तरफ से जारी की गई गाइडलाइनों को पूरा ध्यान रखा जा रहा है. प्रयोगात्मक लैब में स्थान को देखते हुए 25-30 छात्र-छात्राओं के बैच बनाए गए है.

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