देहरादून:उत्तराखंड में राजस्व के लिहाज से महत्वपूर्ण ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य को विद्युत सेवाओं में बेहतर बनाने के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने ऊर्जा के तीनों निगमों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने को कहा ताकि राज्य की विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण व्यवस्था सुदृढ़ होने के साथ ही जनता को बेहतर बिजली व्यवस्था सुलभ हो सके. उन्होंने विद्युत लाइन लॉस में कमी लाये जाने के साथ ही प्रमुख शहरों में स्मार्ट मीटर व्यवस्था बनाये जाने पर बल दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के तीनों निगम एवं उरेड़ा राज्य की आय के भी आधार है. अतः इनमें बेहतर कार्य प्रणाली एवं कार्य कुशलता जरूरी है. उन्होंने तीनों निगमों की कार्य प्रणाली में गुणात्मक सुधार एवं पारदर्शी व्यवस्था के विकास हेतु विजिलेंस की व्यवस्था के लिए तीन पदों की स्वीकृति प्रदान करने के साथ ही यूपीसीएल में आवश्यकतानुसार जेई की नियुक्ति किये जाने के निर्देश दिये हैं.
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने आगामी कुंभ मेले में निर्बाध विद्युत आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये हैं. उन्होंने निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं के कार्यों में तेजी लाने के साथ ही पुरानी विद्युत परियोजनाओं के सुधारात्मक उपायों पर विशेष ध्यान देने को कहा है. मुख्यमंत्री ने एलईडी ग्राम लाइट योजना के अन्तर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित करने हेतु बंगाल के दक्ष करीगरों की सेवायें लेने को कहा है ताकि उनके स्तर पर और बेहतर उत्पादन हो सके तथा आर्थिक संसाधनों में और अधिक वृद्धि हो सके.
बैठक में सचिव ऊर्जा राधिका झा द्वारा प्रदेश में ऊर्जा के क्षेत्र में लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों, कार्यों और ऊर्जा के तीनों निगमों एवं उरेडा के द्वारा कराये जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों, उपलब्धियों और सुधारों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ऊर्जा विभाग के निगमों एवं अभिकरणों में कार्मिकों एवं अधिकारियों की कार्यकुशलता बढ़ाने हेतु प्रमुख निष्पादन सूचकांक (के.पी.आई.)के आधार पर मूल्यांकन व्यवस्था की गई है. रोजगार के क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों की भागीदारी बढ़ाए जाने के दृष्टिगत सौर ऊर्जा, पिरूल एवं एलईडी ग्राम लाईट योजना पर कार्य किया जा रहा है. विभिन्न पदों पर भर्ती के साथ ही निगमों के निदेशकों की भर्ती प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता हेतु नीति बनाई गई है.
उत्तराखंड जल विद्युत निगम के संबंध में प्रस्तुतिकरण में राधिका झा द्वारा बताया गया कि निगम द्वारा वर्ष 2019-20 में 5088.88 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन किया गया जो कि न्यूनतम पर्यावरणीय प्रवाह समाहित करते हुए निगम का अब तक का सर्वोच्च विद्युत उत्पादन है. उन्होंने बताया कि निगम द्वारा राज्य को उसकी अंशपूंजी पर रू0 40.01 करोड़ का लाभांश दिया गया है, जोकि अभी तक का निगम द्वारा दिया गया सर्वोच्च लाभांश है. निगम द्वारा विभिन्न आर.एम.यू. एवं नई परियोजनाओं के निर्माण द्वारा विगत तीन वर्षों में अपनी उत्पादन क्षमता में 10.75 मेगावाट की वृद्धि की गई है.