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PM के आह्वान पर बोले सीएम त्रिवेंद्र, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना खिलौना उद्योग में बनेगा मददगार

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Published : Aug 30, 2020, 3:55 PM IST

Updated : Aug 30, 2020, 4:19 PM IST

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना खिलौना उद्योग में मददगार साबित हो सकता है. उत्तराखंड में भी बहुत से पारंपरिक खेल प्रचलित रहे हैं. इन पर आधारित मोबाइल गेम्स भी बनाये जा सकते हैं.

CM Trivendra
PM के आहृवान पर बोले सीएम त्रिवेंद्र

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में लोगों को संबोधित करते हुए खिलौना बाजार को लेकर 'लोकल फॉर वोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' के महत्व पर जोर दिया है. उन्होंने खिलौनों को बाहर से आयात करने के बजाय उन्हें स्थानीय तौर पर तैयार करने पर जोर दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थानीय खिलौनों की समृद्ध भारतीय परंपरा की चर्चा करते हुए स्टार्ट-अप एवं नए उद्यमियों से खिलौना उद्योग से बड़े पैमाने पर जुड़ने का आह्वान किया और कहा कि अब स्थानीय खिलौनों के लिए आवाज बुलंद करने का वक्त आ गया है.

देहरादून में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को सुना. सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री के 'लोकल फॉर वोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' के आह्वान को लोगों का समर्थन मिल रहा है. हमारे युवाओं की सोच सकारात्मक और इनोवेटिव है. युवा शक्ति देश को कोविड-19 से बाहर निकालकर आगे ले जाने का सामर्थ्य रखती है. ऐसे में उन्हें सिर्फ प्रेरित किए जाने की आवश्यकता होती है.

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सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वदेशी खिलौना उद्योग की बात की है. ऐसे खिलौनों का निर्माण हो, जो हमारे पारंपरिक खेल पर आधारित हों. परंपराओं और आधुनिक तकनीक का समावेश जरूरी है. उत्तराखंड में भी बहुत से पारंपरिक खेल प्रचलित रहे हैं. इन पर आधारित मोबाइल गेम्स भी बनाये जा सकते हैं. खिलौना उद्योग में स्वरोजगार की काफी संभावनाएं हैं और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में इस क्षेत्र में भी काम किया जा सकता है.

दरअसल, 'मन की बात कार्यक्रम' में प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अप और नए उद्यमियों से खिलौना बनाने का आह्वान करते हुए कहा, 'अब सभी के लिए लोकल खिलौनों के लिए वोकल होने का समय है. आइए, हम अपने युवाओं के लिए कुछ नए प्रकार, अच्छी गुणवत्ता वाले खिलौने बनाते हैं. खिलौना वो हो जिसकी मौजूदगी में बचपन खिले भी, खिलखिलाए भी. हम ऐसे खिलौने बनाएं, जो पर्यावरण के भी अनुकूल हों'. प्रधानमंत्री ने कहा कि खिलौनों के साथ हम दो चीजें कर सकते हैं. अपने गौरवशाली अतीत को अपने जीवन में फिर से उतार सकते हैं और अपने स्वर्णिम भविष्य को भी संवार सकते हैं.

Last Updated : Aug 30, 2020, 4:19 PM IST

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