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उत्तराखंडः धान के उत्पादन पर त्रिवेंद्र सरकार लगा सकती है प्रतिबंध, जानिए क्यों - ग्रीष्मकालीन धान

गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में कृषि विकास योजना की बैठक ली. बैठक में ग्रीष्मकालीन धान और पशुओं के चारे को लेकर योजना बनाई गई. सीएम त्रिवेंद्र के अनुसार पानी के संकट को देखते हुए ग्रीष्मकालीन धान पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

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Published : Aug 1, 2019, 11:28 PM IST

Updated : Aug 1, 2019, 11:46 PM IST

देहरादून:ग्रीष्मकालीन धान की फसल पर अब त्रिवेंद्र सरकार प्रतिबंध लगाने का विचार कर रही है. जिसके लिए सचिवालय में हुई कृषि विकास योजना की बैठक में धान की फसल पर चर्चा की गई. इसके साथ ही पशुओं के लिए हरे चारे के लिए सरकार दो प्लांट लगाने जा रही है.

धान के उत्पादन पर त्रिवेंद्र सरकार लगा सकती है प्रतिबंध

मुख्यमंत्री ने कहा कि 3340 करोड़ की कृषि विकास योजना से प्रदेश के 50 हजार से ज्यादा लोगों को स्वरोजगार मिलेगा. साथ ही हरे चारे की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए भी एमओयू साइन किया गया है. जिससे आगामी तीन-चार साल तक हरे चारे को प्रोसेस कर इसकी गुणवत्ता और हरियाली को बरकरार रखा जा सकेगा, ताकी ड्राई सीजन में भी पशुओं को हरा चारा मिल सके.

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मुख्यमंत्री ने बताया कि हरे चारे की गुणवत्ता और हरियाली को बरकरार रखने के लिए प्रदेश में दो प्लांट रानीपोखरी और हरबर्टपुर में लगाया जा रहा है. साथ ही मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्रीष्मकाल में होने वाले धान की फसलों में बहुत पानी की जरुरत होती है. जिस वजह से भारी मात्रा में जमीन से पानी का अवशोषण बढ़ गया है. जिसके लिए मुख्यमंत्री ने अब किसानों से मक्के फसल उगाने के लिए कह रहे हैं. जिससे पानी का इस्तेमाल कम हो. सीएम ने बताया कि सरकार विचार कर रही कि ग्रीष्मकाल धान को भविष्य में प्रतिबंध कर दिया जाए.

Last Updated : Aug 1, 2019, 11:46 PM IST

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