देहरादून: मुख्यमंत्री आवास के मुख्य सेवक सदन में आयोजित निवेशक सम्मान समारोह (Investor Award Ceremony) में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 68 उद्यमियों को सम्मानित किया है. इसमें 43 बड़े निवेशकों और 24 एमएसएमई उद्यमियों को प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया है.
देहरादून में आयोजित निवेशक सम्मान समारोह में सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड योग, आध्यात्म और आयुष की भूमि है. वहीं ये अब उद्योग की भूमि भी बन रही है. देशभर से लोग यहां आना चाहते हैं. जनवरी 2020 से लेकर अबतक प्रदेश में 7,500 करोड़ रुपए का निवेश (7500 crore investment in Uttarakhand) आया और ये एक बड़ी उपलब्धि है. सीएम धामी ने आगे कहा कि हमने उद्योगों के लिए जो भी जरूरी सिंगल विंडो सिस्टम (Single window system) बनाया है, उसे हम और भी सरलीकरण की दिशा में ले जा रहे हैं. हमारी कोशिश है कि प्रदेश में उद्योग सुचारू रूप से चलते रहें.
उत्तराखंड में हुआ 7,500 करोड़ का निवेश. सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष लगाव है. उद्योगों के लिए बेहतर रोड, रेल कनेक्टिविटी की जरूरत होती है, हम उस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. पहाड़ों पर हमारा प्रयास है कि कुमाऊं और गढ़वाल में लगातार आवागमन रहे, इसके लिए हल्द्वानी से कर्णप्रयाग और ग्वालदम से पिथौरागढ़ तक के लिए 288 किमी का हाईवे बनने जा रहा है.
आज हम सब लोग यहां पर आप सभी के किए गए कार्यों का सम्मान करने के लिए एकत्रित हुए हैं. उत्तराखंड योग, आयुष, अध्यात्म के साथ उद्योग की भूमि बन रही है. मुझे उद्योगपतियों ने कहा कि उत्तराखंड में उद्योग के लिए बेहतरीन वातावरण है. क्योंकि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश को विकास एवं नई गति मिल रही है. भारत को दुनिया के बीच मान-सम्मान मिल रहा है और वर्ष 2014 से पूर्व के भारत और आज के भारत में बड़ा परिवर्तन आया है.
रिफॉर्म-परफॉर्म-ट्रांसफॉर्म के मंत्र के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि निवेशकों ने उद्योग के क्षेत्र में प्रदेश को नया आयाम दिया है. प्रदेश की आर्थिकी एवं राजस्व को बढ़ाने में औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोगों का योगदान अमूल्य है. आप सभी हमारे ब्रांड एंबेसडर हैं. उत्तराखंड औद्योगिक विकास की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है. उद्योगों के लिए जैसा वातावरण उत्तराखंड में हैं, यह निवेशकों को उत्तराखंड की ओर आकर्षित करता है.
सीएम धामी ने बताया कि जनवरी 2020 से अब तक प्रदेश में 15 हजार करोड़ की परियोजनाओं में उत्पादन प्रारंभ हुआ है. कोरोना जैसी महामारी आने के बावजूद इतना निवेश प्रदेश में आना निश्चित ही बड़ी उपलब्धि है. इन्फ्रास्ट्रक्चर, नीति सुधार एवं सरलीकरण की दिशा में काफी काम किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं की क्षमता, समर्पण, कड़ी मेहनत और समझ में विश्वास दिखाने के लिए निवेशकों को धन्यवाद दिया और कहा कि जो परियोजनाएं शुरू की गई हैं, वे राज्य में नई संभावनाएं पैदा करेंगी और राज्य के आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित होंगी. उन्होंने कहा कि हम 'रिफॉर्म परफॉर्म ट्रांसफॉर्म के मंत्र के साथ आगे बढ़े हैं. हमने नीतिगत स्थिरता, समन्वय तथा व्यापार करने में सुगमता पर जोर दिया है.
उन्होंने निवेशकों और उद्योगपतियों को यह कहते हुए आश्वस्त किया कि राज्य सरकार नीति, निर्णयों और सकारात्मक उद्देश्य के साथ विकास के काम करती है. हम सब आपके हर प्रयास में आपके साथ रहेंगे और हर कदम पर आपका साथ देंगे. उद्योग मंत्री चन्दन राम दास ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की स्थापना जब हुई तो हर किसी की कल्पना थी कि पहाड़ का पानी एवं जवानी पहाड़ के काम आए. यह तभी सम्भव हो सकता था, जब उत्तराखंड में उद्योगों को तेजी से बढ़ावा मिले.
सीएम धामी ने कहा कि 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इन्वेस्टर सम्मिट आयोजित किया गया था, जिसके सफल परिणाम भी देखे गए हैं. प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना होगा. वहीं, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड तेजी से निवेश के लिये प्रमुख गंतव्य स्थल के रूप में विकसित हो रहा है. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र कम पूंजी निवेश से अधिक उत्पादन एवं रोजगार सृजित कर सकता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की दिशा में राज्य आगे बढ़ रहा है.
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सचिव उद्योग डॉ पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि इन्वेस्टर्स समिट के बाद 35 हजार करोड़ के एमओयू धरातल पर क्रियान्वित राज्य ने 2018 में अपना पहला निवेश शिखर सम्मेलन डेस्टिनेशन उत्तराखंड आयोजित किया था, जिसमें कई क्षेत्रों में 600 से अधिक निवेशकों द्वारा रूपये एक लाख चौबीस हजार करोड़ से अधिक के समझौता ज्ञापन/निवेश इच्छा पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए थे. हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों के कार्यान्वयन का नियमित रूप से अनुश्रवण किया गया. इसके परिणामस्वरूप रू. 35 हजार करोड़ से अधिक के एमओयू धरातल पर क्रियान्वित हो गए हैं. यह परियोजनाएं विभिन्न क्षेत्रों की हैं, जिनमें विनिर्माण, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और ऊर्जा क्षेत्र सम्मिलित हैं.
उत्तराखंड में ये हैं बड़े निवेशक: गेल इंडिया ने 1500 करोड़, ला अपाला कंपनी 200 करोड़, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने 500 करोड़, रिद्धि-सिद्धि लिमिटेड ने 200 करोड़, गुजरात अंबुजा ने 200 करोड़, एलएंडटी ने 870 करोड़, काशी विश्वनाथ टेक्सटाइल, सर बायोटेक (ह्यात), ग्राफिक एरा, महानंदा स्पा रिजॉर्ट, गोल्ड प्लस, नैनी पेपर लिमिटेड समेत कई बड़े निवेशकों ने कोविड काल के बाद राज्य में निवेश कर उद्योगों में उत्पादन शुरू किया गया है.