देहरादून: उत्तराखंड में ई-वाउचर योजना के बाद भारत सरकार ने हरिद्वार और देहरादून जिले को ई-पशु आधार की सौ प्रतिशत रिपोर्टिंग के लिए चयनित किया है. इसके तहत इन दो जिलों में शत प्रतिशत गाय और भैंस के कानों में टैगिंग की जाएगी, जिसके बाद इन दो जिलों में दुधारू पशुओं की पूरी रिकॉर्डिंग ऑनलाइन होगी.
80% पशुओं के टैगिंग का काम पूरा
उत्तराखंड पशुपालन विभाग के बेहतर प्रयासों का ही नतीजा है कि भारत सरकार की तरफ से चलाई जा रही, विभिन्न योजनाओं में राज्य को पूरी तरह से प्राथमिकता दी जा रही है. राज्य में ई-वाउचर योजना के साथ शत प्रतिशत टैगिंग का काम भी देश में उत्तराखंड के 2 जिलों को मिला है. हरिद्वार और देहरादून जिले में गाय और भैंसों का ई-पशु आधार बनाया जा रहा है. खास बात यह है कि योजना शुरू होने के कुछ समय में ही पशुपालन विभाग ने 80% पशुओं के टैगिंग का काम पूरा कर लिया है. आपको बता दें कि हरिद्वार और देहरादून जिले में भी यह संख्या 5 लाख से ज्यादा है.
गाय-भैंसों की होगी टैगिंग
उत्तराखंड को भारत सरकार की तरफ से लगातार पशुपालन विभाग से जुड़ी योजनाओं में प्राथमिकता देने की एक बड़ी वजह यह भी है कि हाल ही में राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चलाया गया था, जिसमें हरिद्वार जिला देश में सबसे बेहतर कार्य करने में नंबर वन रहा था. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए तमाम पायलट प्रोजेक्ट को उत्तराखंड के जिलों से ही शुरू किया जा रहा है. हालांकि, भारत सरकार की तरफ से उधम सिंह नगर और हरिद्वार जिले का चयन किया गया था, लेकिन सचिव के सुझाव के बाद उधम सिंह नगर के बजाय देहरादून जिले को जोड़ा गया और अब देहरादून और हरिद्वार जिले में टैगिंग का काम चल रहा है.
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