देहरादून/मसूरी:शासन-प्रशासन ने इन दिनों अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला रखा है. सोमवार को देहरादून नगर निगम और मसूरी में अतिक्रमण पर बुलडोजर चला. हालांकि प्रशासन की इस कार्रवाई पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं, क्योंकि बारिश के दौरान अतिक्रमण के नाम पर कई घरों को ध्वस्त किया गया, जिससे कई परिवार के बेघर हो गए.
देहरादून में 30 परिवार बेघर: सोमवार को राजधानी देहरादून में सहस्त्रधारा रोड पर तरला आमवाला में जिला प्रशासन और देहरादून नगर निगम की टीम पहुंची. टीम ने देहरादून नगर निगम की जमीन पर बने करीब 30 मकानों को ध्वस्त किया. आशियाना छीन जाने से ये परिवार सड़क पर आ गए. बेघर हुए परिवारों का कहना है कि एक महिला से झांसे में आकर उन्होंने अपनी सारी जमा पूंजी इस मकान में लगी दी, जिसे आज प्रशासन में अतिक्रमण के नाम पर ध्वस्त कर दिया. करीब 30 परिवार के लोग अपना सामना और बच्चों के लेकर बारिश में रात गुजराने को मजबूर हैं.
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महिला पर लगाया गंभीर आरोपी: दरअसल, साल 2015 में सहस्त्रधारा रोड पर तरला आमवाला में एमडीडीए के फ्लैट बनते समय काम करने वाले मजदूरों ने बराबर की नगर निगम की जमीन पर टीन शेड में रहकर मजदूरी का काम कर रहे थे. कई साल तक करीब 22 परिवार टीन शेड में ही रहे थे, लेकिन एमडीडीए के फ्लैट बन जाने के बाद पिछले साल एमडीडीए के फ्लैट की बनी अध्यक्ष मनोरमा काला ने सभी मज़दूरों को झांसे में लिया और उनसे कहा कि आप सभी लोग नगर निगम की इस जमीन पर अपना पक्का घर बना सकते हैं, उन्हें कुछ सालों में जमीन के कागज दे दिए जाएंगे.