उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

सालों बाद परिवार से मिलेंगी चार नेपाली बेटियां, रेखा आर्य ने बालिका निकेतन से किया विदा - नेपाली मूल की महिलाएं

देहरादून बालिका निकेतन में कई साल से रह रहीं नेपाल की 4 बेटियां अब अपने घर में कदम रखेंगी. इन सभी को कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने तोहफे देकर नेपाल के लिए विदा किया.

rekha arya
नेपाल की महिलाएं

By

Published : Jul 13, 2021, 7:27 PM IST

Updated : Jul 13, 2021, 8:40 PM IST

देहरादूनःबीते कई सालों से बालिका निकेतन में रह रही नेपाली मूल की चार बालिकाओं ने शायद यह उम्मीद छोड़ दी होगी कि वो कभी अपने परिवारजनों से दोबारा मिल भी सकेंगी. अब महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग और हेल्प क्रॉस ट्रस्ट के प्रयासों से सभी अपने घर जा पा रही हैं. कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने नेपाली बालिकाओं को तोहफे देकर नेपाल स्थित उनके घर के लिए रवाना किया.

बता दें कि पड़ोसी देश नेपाल की चारों बेटियों के लिए अपने घर दोबारा लौटने का यह पल खुशी का भी है और साथ ही गम का भी है. यह खुशी अपने परिवार से सालों बाद मिलने की है तो वहीं, गम बालिका निकेतन के अपने दोस्तों और स्टाफ से बिछड़ने का भी है, जिन्होंने इतने सालों तक इनका ख्याल रखा.

सालों बाद परिवार से मिलेंगी चार नेपाली बेटियां.

ये भी पढ़ेंः17 जुलाई से बांटे जाएंगे वात्सल्य योजना के चेक, महालक्ष्मी योजना जल्द होगी शुरू

ईटीवी भारत ने जब इन बालिकाओं से बात की तो उन्होंने अपनी पूरी व्यथा सामने रखी कि आखिर किस तरह वह अलग-अलग परिस्थितियों में अपने परिवार से बिछड़ गई थीं. लेकिन अब वो दोबारा अपने परिवारों से मिलने जा रही हैं. इस दौरान उन्होंने बालिका निकेतन और सरकार का धन्यवाद भी दिया.

केदारपुरम स्थित बालिका निकेतन पहुंचकर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने नेपाल मूल की रहने वाली बालिकाओं को याद के तौर पर तोहफे देकर उन्हें नेपाल के लिए विदा किया. साथ ही इस दौरान राज्य मंत्री रेखा आर्य ने बालिकाओं को घर वापसी के लिए शुभकामनाएं भी दीं.

ये भी पढ़ेंःअल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य पर भड़कीं राज्यमंत्री रेखा आर्य, जानें पूरा मामला

वहीं, मौके पर मौजूद समाजसेवी संस्था हेल्प क्रॉस ट्रस्ट के सचिव विशाल थापा ने बताया कि इन चारों बालिकाओं के परिवारों का पता लगाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं था, लेकिन इस कार्य में नेपाल की एनजीओ के साथ ही नेपाल पुलिस ने भी उन्हें पूरा सहयोग दिया. जिसकी वजह से आज सभी बालिकाएं वापस अपने देश और अपने परिवार के पास लौट पा रही हैं.

Last Updated : Jul 13, 2021, 8:40 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details