देहरादून: सत्ता के गलियारों में राज सुख भोग रहे नेताओं को वैसे तो रोने-धोने की कोई आदत नहीं होती, लेकिन अगर बात जनता का ध्यान खींचने की हो तो नेता रोना-धोना तो छोड़िए वह हर काम कर लेते हैं, जिसके लिए कोई आम इंसान सोच भी नहीं सकता. ऐसे ही उत्तराखंड के मौजूदा कैबिनेट मंत्री और उत्तराखंड की राजनीति में हमेशा से पक्ष और विपक्ष में मजबूत पद पर रहे हरक सिंह रावत हैं, जो एक अनुमान के मुताबिक उत्तराखंड में सबसे ज्यादा बार रोने का रिकॉर्ड अपने नाम कायम कर चुके हैं. फिर वह कांग्रेस में रहकर रोए हों या फिर भारतीय जनता पार्टी में आकर भावुक हुए हों. ऐसे अनेकों मौके जनता की यादों में ताजा हैं, जब हरक सिंह रावत रोते हुए नजर आए हैं.
नेता के हाथ में अगर कुछ हो और वह कुछ न कर पाए तब रोना वाजिब है. लेकिन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के मामले में ऐसा नहीं है. मंत्री हरक सिंह रावत उत्तराखंड बनने के बाद से अब तक और यूं कहें कि उत्तर प्रदेश के समय में भी विधायक रहे हैं. ऐसे में विकास कार्य या फिर अन्य जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर हरक सिंह रावत का रोना समझ से परे है. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है.
दरअसल, इस बार वे कोरोना को लेकर ज्यादा भावुक दिखे. उन्होंने कहा कि ऐसा मंजर पहले कभी नहीं देखा और मीडिया से बात करते हुए वे भावुक होकर रोने लगे. हरक कोई पहली बार भावुक नहीं हुए हैं. इससे पहले भी वे कई बार कैमरे पर रोते हुए देखे गए हैं. हरक के आंसू तब भी देखे गए थे, जब वह कांग्रेस में हुआ करते थे. ये अलग बात है कि कई बार तस्वीरें कैमरे में कैद नहीं हो पाईं.
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