देहरादून: पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने पेयजल विभाग के अधिकारियों की बैठक ली. उन्होंने निर्देश दिए कि कोरोना के साथ विकास सम्बंधित कार्यों को प्राथमिकता दी जाए. 'जल-जीवन' मिशन के अन्तर्गत विभिन्न पेयजल परियोजना कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये.
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पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने विधानसभा में पेयजल विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. चुफाल ने बैठक में निर्देश दिया कि पंपिंग योजना को प्राथमिकता दिया जाए और युद्ध स्तर पर पेयजल योजनाओं को लागू किया जाए. पेयजल मंत्री ने अधिकारियों को समय पर सभी डीपीआर तैयार करने के भी निर्देश दिए.
पंपिंग योजना सरकार की पहली प्राथमिकता. उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में ऑनलाइन बैठक को महत्व दिया जाए और आवश्यकता पड़ने पर पेयजल योजना से संबंधित डीपीआर को घर बैठकर भी तैयार कर लिया जाए. बैठक के बाद पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने कहा कि सभी पहाड़ी क्षेत्रों में पेयजल के प्राकृतिक स्रोत जो कि नौले-धारे के रूप में जाने जाते थे वो पूरी तरह से सूख चुके हैं और अब पेयजल के लिए मात्र एक पंपिंग योजना ही एकमात्र विकल्प बचा है. उन्होंने बताया कि विभागों को सभी ऐसे प्रोजेक्ट को लेकर डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं. पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने जानकारी दी कि हाल ही में भारत सरकार के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में ऐसी 27 योजनाओं पर चर्चा हुई है. जिनमें कनेक्शन केवल 30 हजार हैं. लेकिन इन प्रोजेक्ट पर खर्च 206 करोड़ है.
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पेयजल मंत्री ने ये भी बताया कि उत्तराखंड की विषम भौगोलिक प्रस्थितियों के चलते मात्र 30 हजार उपभाक्ताओं को पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए 206 करोड़ खर्च करना एक बड़ी चुनौती है. लेकिन उसके बावजूद सभी को पेयजल मुहैया करवाना सरकार की पहली प्राथमिता है. बता दें कि बैठक में पेयजल विभाग के प्रभारी सचिव आर. राजेश कुमार, प्रबंधक निदेशक उदय राज, महाप्रबंधक एस के शर्मा समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे.