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उत्तराखंड: कारोबारियों पर केंद्र का 1100 करोड़ का टैक्स बकाया - सर्विस टैक्स की चोरी

जीएसटी लागू होने से पहले केंद्रीय उत्पाद और सर्विस टैक्स की चोरी पर केंद्रीय एक्साइज और सर्विस टैक्स विभाग ने पड़ताल की तो इस मामले में 1000 व्यापारियों पर लगभग 2400 करोड़ का बकाया टैक्स सामने आया है. सरकार की छूट के बाद प्रदेश से 1100 करोड़ का टैक्स जमा करना होगा.

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Published : Oct 14, 2019, 11:45 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड राज्य में कारोबार कर रहे 1000 से ज्यादा व्यापारियों पर केंद्र सरकार का सेंट्रल और सर्विस टैक्स बकाया चल रहा है. व्यापारियों से करोड़ों रुपये का बकाया टैक्स वसूलने के लिए सरकार पूर्व के मामलों को खत्म कर व्यापारियों को जल्द से जल्द टैक्स अदा करने का समय दे रही है. सरकार की इस पहल के कारण अब एक महीने का समय व्यापारियों को मिला है. अब तक 40 व्यापारियों ने अपने पुराने लंबित मामलों के निस्तारण के लिए आवेदन किया है.

देश में जीएसटी लागू होने से पहले केंद्रीय उत्पाद और सर्विस टैक्स की चोरी पर केंद्रीय एक्साइज और सर्विस टैक्स विभाग ने प्रदेश में जांच-पड़ताल की. इस जांच से लगभग ऐसे 1000 से अधिक व्यापारियों के बकाया टैक्स मामले संज्ञान में आए, जिन पर 2400 करोड़ से अधिक का बकाया है. देश में जीएसटी लागू होने के बाद सभी टैक्सों को एक ही रूप में शामिल करने के बाद अब सरकार सभी विवादित मामलों के निस्तारण की कार्रवाई में जुटी है. इसके तहत व्यापारियों को अपने बकाया टैक्स भुगतान करने के लिए 31 दिसंबर तक 40 से 70 प्रतिशत की छूट दी जा रही है.

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उत्तराखंड में व्यापारियों के करोड़ों के बकाया टैक्स मामलों का निस्तारण करने को लेकर केंद्रीय कर विभाग राज्य के व्यापारियों की तरफ से आ रहे आवेदन पर निपटारा करने में जुटी हुई है. केंद्रीय कर अधिकारियों के मुताबिक, उत्तराखंड में व्यापारियों को छूट मिलने के बाद अब लगभग 1100 करोड़ का टैक्स जमा होना है. ऐसे में सरकार की पहल के बाद लगभग 40 व्यापारियों ने अपने टैक्स भुगतान के लिए आवेदन किया है. हालांकि नवंबर और दिसंबर महीने में बकाया टैक्स कारोबारियों के आवेदनों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है.

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