उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

Dynasty Politics: उत्तराखंड में 'परिवारवाद' के सहारे पॉलिटिक्स? बागेश्वर उपचुनाव ने फिर दी हवा

बागेश्वर उपचुनाव में भाजपा ने चंदनराम दास की पत्नी पार्वती दास को टिकट दिया है. इससे एक बार फिर से परिवारवाद का मुद्दे पर बहस छिड़ गई है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि उत्तराखंड भाजपा नेताओं ने चुनाव और संगठन में अपने परिवार को जिम्मेदारी देकर परिवारवाद को बढ़ाया है जबकि भाजपा कह रही है कि उन्होंने कार्यकर्ताओं को चुना है.

BJP familism
भाजपा परिवारवाद

By

Published : Aug 17, 2023, 4:55 PM IST

Updated : Aug 17, 2023, 6:20 PM IST

भाजपा-कांग्रेस के बीच परिवारवाद पर छिड़ी जंग

देहरादूनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा, कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दलों पर परिवारवाद को लेकर हमेशा ही हमलावर रहती है. हाल ही में 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से परिवारवाद को लेकर विपक्षी दलों पर हमला बोला था. लेकिन विपक्षी दलों का आरोप है कि भाजपा ने खुद ही परिवारवाद की ये श्रृंखला बना रखी है. उत्तराखंड में तो सरकार से लेकर संगठन तक ये श्रृंखला दिखाई दे रही है. अब बागेश्वर उपचुनाव सामने हैं और फिर से परिवारवाद पर प्रदेश में बयानबाजी शुरू हो गई है.

उत्तराखंड में कांग्रेस ने भाजपा पर परिवारवाद बढ़ाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस का कहना है कि बागेश्वर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने कैबिनेट मंत्री रहे चंदन रामदास की पत्नी पार्वती दास को प्रत्याशी बनाया है. 26 अप्रैल को चंदन रामदास का हार्ट अटैक से निधन हो गया था. अब चुनाव आयोग ने बागेश्वर उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. इसके बाद भाजपा ने रामदास की पत्नी पार्वती दास को प्रत्याशी घोषित किया है. जबकि सीट पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा आर्य का नाम भी प्रत्याशी के तौर पर था. लेकिन भाजपा ने परिवारवाद को बढ़ावा दिया.

भाजपा ने उपचुनाव में परिवारवाद को बढ़ाया.

उपचुनावों में भाजपा ने परिवारवाद को बढ़ाया:कांग्रेस का आरोप है कि चमोली की थराली सीट से विधायक रहे मगनलाल शाह के निधन के बाद भाजपा ने उनकी पत्नी मुन्नी देवी को उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया, जो उपचुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचीं. इसी क्रम में पिथौरागढ़ से विधायक रहे प्रकाश पंत के देहांत के बाद उनकी पत्नी चंद्रा पंत को भी पार्टी ने उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया.

इसी तरह अल्मोड़ा की सल्ट सीट से विधायक रहे सुरेंद्र सिंह जीना की मृत्यु के बाद उनके भाई महेश जीना को उपचुनाव में पार्टी ने प्रत्याशी बनाया. जबकि देहरादून के कैंट सीट से विधायक रहे हरबंस कपूर के निधन के बाद उनकी पत्नी सविता कपूर को भाजपा ने विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया. इतना ही नहीं, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के पुत्र सौरभ बहुगुणा को भी 2022 के चुनाव में टिकट दिया गया, जो वर्तमान में कैबिनेट मंत्री हैं. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी की बेटी ऋतु खंडूरी को भी भाजपा ने प्रत्याशी बनाया और वर्तमान में ऋतु खंडूरी उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष हैं.
ये भी पढ़ेंःबागेश्वर उपचुनाव नामांकन: BJP प्रत्याशी पार्वती दास ने किया नामांकन

संगठन में नेताओं के बच्चों को जिम्मेदारी: कांग्रेस का कहना है कि, केवल सरकार ही नहीं, उत्तराखंड भाजपा संगठन में भी परिवारवाद के चलते कई नेता अहम पदों पर काबिज हैं. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बची सिंह रावत के बेटे शंशाक रावत को उत्तराखंड भाजयुमो का अध्यक्ष बनाया गया है. इसी तरह भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कालाढूंगी से विधायक बंशीधर भगत के बेटे विकास भगत मौजूद समय में संगठन में प्रदेश प्रवक्ता हैं. वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे उमेश अग्रवाल के बेटे सिद्धार्थ अग्रवाल को देहरादून महानगर का अध्यक्ष बनाया गया है. इसके साथ ही कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की बेटी नेहा जोशी वर्तमान में भाजपा युवा मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रही हैं.

सरकार से लेकर संगठन तक भाजपा का परिवारवाद

भाजपा के परिवारवाद पर कांग्रेस का तंज: कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरादास जोशी का कहना है कि भाजपा की कथनी और करनी में बहुत अंतर है. भाजपा केवल दिखाने के लिए परिवारवाद की बात करती है, लेकिन पूरी भाजपा परिवारवाद पर चल रही है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से लेकर दिवंगत मंत्री चंदनराम दास तक भाजपा परिवारवाद के सहारे जी रही है. भाजपा परिवारवाद में डूबी हुई है, जबकि आरोप दूसरों पर लगाते हैं. ऐसे में भाजपा को पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए, उसके बाद कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाना चाहिए.

भाजपा की सफाईः उधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता व प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन का कहना है कि कांग्रेस पहले अपने बारे में सोचे, क्योंकि कांग्रेस की हालत इतनी खराब हो गई है कि उनको अपनी पार्टी से उम्मीदवार नहीं मिला तो उन्होंने पार्टी में हाल ही में शामिल नेता को उम्मीदवार बना दिया. जबकि पार्टी ने भाजपा कार्यकर्ता को ही टिकट दिया है.
ये भी पढ़ेंःबागेश्वर उपचुनाव 2023: बीजेपी ने पार्वती दास तो कांग्रेस ने बसंत कुमार को बनाया प्रत्याशी

Last Updated : Aug 17, 2023, 6:20 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details