देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में सरकार ने नई सड़कें तो बना दी, लेकिन ये सड़कें सरकार के रिकॉर्ड में नहीं हैं. ऐसे में इन सड़कों पर यदि कोई वाहन दुर्घटना हो जाती है तो गाड़ी का इंश्योरेंस होने के बावजूद भी वाहन स्वामी को बीमा का लाभ नहीं मिल पाएगा. ये मुद्दा मंगलवार को उत्तराखंड विधानसभा के सदन में उठाया गया.
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विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सदन के भीतर प्रश्नकाल के दौरान सत्तापक्ष के विधायकों ने ही सरकार को जमकर घेरा. विभागीय मंत्री सत्तापक्ष के विधायकों के सवालों पर ही घिरते नजर आए. बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह जीना ने सदन में कहा कि पिछले 5 सालों में प्रदेश के भीतर सैकड़ों सड़कों का निर्माण किया गया है, लेकिन विभाग ने उन्हें स्वीकृति नहीं दी है. जिस कारण उन्हें मार्गों पर सड़क दुर्घटना के दौरान बीमा कंपनी द्वारा इंश्योरेंस का लाभ नहीं दिया जा रहा है.
बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह जीना जिसके जवाब में परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने बताया कि बीते 5 वर्षों में अल्मोड़ा के अंतर्गत 205, हल्द्वानी के अंतर्गत 512, देहरादून के अंतर्गत 38 और पौड़ी के अंतर्गत 36 सहित कुल 790 नवनिर्मित मार्गों का संयुक्त सर्वेक्षण करने पर मार्ग वाहन चालक के लिए प्रयोग किए गए हैं. लेकिन सदन के भीतर बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह जीना, मंत्री के दिए गए जवाबों से संतुष्ट नजर नहीं आए.
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बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह जीना ने बताया कि पर्वती क्षेत्रों में जब सड़कें बनती हैं तो उसके लंबे समय बाद भी परिवहन विभाग उन सड़कों की स्वीकृति नहीं देता है. बावजूद इसके उन सड़कों पर गाड़ियां चलनी शुरू हो जाती हैं. ऐसे में जब वहां गाड़ियां चलती हैं तो कई बार दुर्घटनाएं भी होती है. लेकिन परिवहन विभाग से सड़क स्वीकृति नहीं होने चलते बीमा कंपनी वाहन स्वामी को इंश्योरेंस का लाभ नहीं देती है.
बीजेपी विधायक जीना ने सदन में परिवहन मंत्री यशपाल आर्य से निवेदन किया है कि जैसे ही सड़कें बनकर तैयार हो जाएं उसको स्वीकृत कर दिया जाए, ताकि दुर्घटना होने पर बीमा का लाभ मिल सके.