चमोली: ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4 बजकर 15 मिनट पर विधि-विधान और विशेष पूजा-अर्चना के बाद भगवान बदरीनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. शंकराचार्य जी की पावन गद्दी और मुख्य पुजारी रावल गुरुवार शाम को बदरीनाथ धाम पहुंच गए थे. मंदिर को सुगंधित फूलों से श्रृंगारित किया गया. कपाट खुलने के दौरान भारी संख्या में स्थानीय लोगों के साथ बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी मौजूद रहे. इस दौरान उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट भी मौजूद रहे.
कपाट खुलने के बाद करीब 10 हजार श्रद्धालुओं ने मंदिर के अंदर अखंड ज्योति के दर्शन किए. वहीं 12 हजार से ज्यादा भक्त दर्शन को लिए लाइनों में लगे हुए थे. पहले दिन श्रद्धालुओं को घृत कंबल यानि ऊन की चोल का प्रसाद दिया गया. यह घृत कंबल शीतकाल में भगवान बद्रीनाथ की मूर्तिं ओढ़े रहती है. इसे माणा गांव की कन्याएं बुनकर तैयार करती हैं, जिस पर घी का लेपन किया जाता है.
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