देहरादून:बाबा रामदेव और एलोपैथी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां एक ओर आयुर्वेद और एलोपैथी के बीच घमासान जारी है. वहीं, अब बाबा रामदेव ने एलोपैथी के बाद निजी अस्पतालों पर भी सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. रविवार को योग ग्राम में साधकों को संबोधित करते हुए बाबा रामदेव ने कहा किसी भी निजी बड़े अस्पताल में एक छोटे से कमरे का कम से कम प्रतिदिन पांच हजार रुपये वसूला जाता है. यह रेट कमरे के साइज पर डिपेंड करता है, जितना बड़ा कमरा होगा उतना उसका किराया प्रतिदिन उतना ही ज्यादा वसूला जाता है.
बाबा रामदेव ने कहा बड़े अस्पतालों में किराए के कमरे से अलग डॉक्टर का खर्च, खाने और दवाई का खर्च आदि अतिरिक्त होता है. इस सब के बावजूद अगर कोई मरीज आयुर्वेदिक दवाई लेकर अस्पताल में चला जाए तो उसको बाहर फेंकवा देते हैं. योग साधकों से बाबा रामदेव ने कहा कि उनके पास तमाम ऐसे लोग हैं, जिन्होंने इस बात का जिक्र किया है.
देश मे 90 फीसदी संक्रमित मरीज योग और आयुर्वेद से हुए ठीक
बाबा रामदेव ने कहा अगर इस देश में योग और आयुर्वेद से ठीक होने वाले मरीजों का आंकड़ा जमा किया जाए तो पता चलेगा कि करीब 40 से 50 करोड़ लोग इससे ठीक हुए हैं. अभी तक देश के भीतर जितने लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं उनमें से 90% मरीज योग और आयुर्वेद के ठीक हुए हैं. बाकी 10% लोग अस्पताल में इलाज कराने के लिए गए थे, जिसमें 5% लोग ही वापस आए. यही नहीं, रामदेव ने कहा इस योग ग्राम में सैकड़ों लोग मौजूद हैं, जिन्होंने अपने परिजनों को खोया है. ऐसे में अगर इन सबको एकत्र कर अस्पतालों पर मुकदमा दर्ज कराया जाए तो उन अस्पतालों की पोल खुल जाएगी.
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स्टेरॉयड ने घटा दी लोगों की इम्यूनिटी, इसलिए हो रहे हैं फंगस
बाबा रामदेव ने साधकों को संबोधित करते हुए कहा कोविड-19 नाम पर लोगों की इम्यूनिटी को घटाकर और बीमार कर दिया है. स्टेरॉयड देना तब जरूरी है, जब मरीज का पूरा शरीर काम करना बंद दे. वह भी बहुत थोड़ी मात्रा में दिया जाना चाहिए. लेकिन आजकल मरीजों में इतना ज्यादा स्टेरॉयड दे दिया जाता है जिससे मरीजों की इम्यूनिटी घट गई है. जिसके चलते मरीजों में ब्लैक फंगस, वाइट फंगस और यलो फंगस जैसी बीमारियां होने लगीं.