ऋषिकेश: पशुपालन विभाग द्वारा साल 2001 में एक गो सेवा करने वाली संस्था को अस्थाई तौर पर भूमि दी गई थी. इसके बाद विभाग ने 18 साल बाद इस जमीन को वापस लेते हुए गोशाला पर जेसीबी चलवा दी. साथ ही विभाग की इस कार्रवाई से गोशाला में रखा चारा और दवाइयां खराब हो गईं.
पशुपालन विभाग ने पुलिस के साथ मिलकर कई वर्षों से कब्जा किये हुए गोशाला को जेसीबी के द्वारा तोड़ा दिया. इस कार्रवाई में गोवंशों के लिए रखा चारा और मेडिसिन खराब हो गईं. कार्रवाई का आलम कुछ ऐसा देखने को मिला कि एक गोवंश बुरी तरह घायल हो गए. साथ ही वहां से जो गोवंश को पशुपालन विभाग ने अपने कब्जे में लिया उनको बुरी तरीके से ले जाया गया.
पशुपालन विभाग को याद आई गौशाला की जमीन. गोशाल से संबंधित जे. पी. त्रिपाठी ने बताया कि ये भूमि 2001 में पशुपालन के निदेशक द्वारा सेवा के लिए दी गई थी. जिसमें घायल गोवंश की देखभाल और खानपान की व्यवस्थाएं थीं. पशुपालन द्वारा इतने साल बाद अपनी जमीन की याद आई और उन्हें अचानक यहां जेसीबी से तोड़ना शुरू कर दिया.
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पशुपालन परियोजना निदेशक डॉ. आर. के. वर्मा ने बताया कि जिस भूमि को खाली कराया गया है, वो पशुपालन की भूमि है. संस्था को उपयोग के लिए भूमि दी गई थी, जिसके बाद इन्होंने अपने नाम दर्ज करने की कोशिश नहीं की. भूमि को पशुपालन विभाग द्वारा न्यायालय के प्रक्रिया से खाली करवाया जा रहा है. इसमें 56 गोवंश थे, उनको अपने पशुपालन परिसर में रख दिया गया है.