ऋषिकेश: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ रहा है. उधमसिंह नगर से ताजा सामने आए मामलों के बाद प्रदेश में कुल संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 67 तक पहुंच गया है. वहीं, एम्स ऋषिकेश में भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज जारी है. ऐसे में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए अस्पताल में क्या कुछ इंतजाम हैं, इसपर एम्स निदेशक डॉ. रविकांत के साथ ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
इस दौरान प्रोफेसर रविकांत ने ईटीवी भारत से महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं. उन्होंने बताया कि कोरोना के 95 प्रतिशत केस खुद ही ठीक हो जाते हैं. उनको अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है. ऐसे मरीज आइसोलेशन में रहकर ठीक हो जाते हैं. बस उनको किसी और के संपर्क में नहीं आना है.
किसको करें अस्पताल में भर्ती:
प्रोफेसर रविकांत ने बताया कि ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है जिनको-
1- ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्कता हो.
2- ब्लड प्रेशर सपोर्ट की जरूरत हो.
3- वेंटिलेटर या कोई और सुविधा चाहिये.
एम्स निदेशक ने बताया कि मरीजों के लिये ऋषिकेश एम्स में 340 बेड का इंतजाम किया गया है, जिसमें गंभीर मामलों का इलाज किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में ज्यादातर मरीज ऐसे आ रहे थे जिनमें कोरोना के कोई लक्षण ही नहीं थे.
वहीं, मरीजों का इलाज करने के दौरान नर्सिंग स्टॉफ का संक्रमित होना भी एम्स प्रशासन के लिये काफी चैलेंजिंग रहा. इस दौरान डॉक्टरों और स्टॉफ ने धैर्य रखा और अपनी भूमिका निभाते रहे.
कैसे करें खुद का बचाव:
1- दूरी सबसे बेहतर इलाज. दो से तीन मीटर की दूरी रखें.
2- मास्क जरूर पहनें.
3- हाथ धोने की परंपरा अपनाएं.