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ऋषिकेश विधानसभा सीट से कांग्रेस के 9 दावेदार, कैसा रहा इनका राजनीतिक सफर, पढ़िए रिपोर्ट

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 (uttarakhand assembly election 2022) को लेकर कांग्रेस नेता सक्रिय हो गए हैं. कांग्रेस के नौ नेताओं ने ऋषिकेश विधानसभा सीट से प्रत्याशी के लिए दावेदारी पेश की है. इसने पार्टी की चिंता को बढ़ा दिया है.

rishikesh congress candidate
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Published : Dec 29, 2021, 1:21 PM IST

ऋषिकेश:उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 (uttarakhand assembly election 2022) के लिए कुछ ही समय शेष रह गया है. वहीं, चुनावी साल में ऋषिकेश कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है. इस विधानसभा सीट से 9 कांग्रेसी दावेदारों ने ताल ठोकी है. बता दें कि, ऋषिकेश विधानसभा सीट (rishikesh assembly election) से कई दावेदारों ने अपनी ही पार्टी की चिंता को बढ़ा दिया है. ऋषिकेश में कांग्रेस के टिकट पर विधायक प्रत्याशी बनने की होड़ मची हुई है.

ऋषिकेश विधानसभा चुनाव सीट से कांग्रेस के कई दिग्गज नेता विधायक की दौड़ में शामिल हो चुके हैं. कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश चुनाव स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष अपनी दावेदारी पेश की.

ऋषिकेश से कांग्रेस दावेदारों के नाम-

1- राजपाल खरोला:राजपाल अपने छात्र राजनीति के समय से ही कांग्रेस से जुड़े हुए हैं. छात्रसंघ अध्यक्ष रहने के साथ-साथ कई पदों पर पार्टी ने उनको सुशोभित किया है. वर्तमान में राजपाल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव के पद पर हैं. कांग्रेस राजपाल खरोला पर दो बार अपना विश्वास जता चुकी है. हालांकि इन दोनों चुनावों में राजपाल को हार का सामना करना पड़ा लेकिन अब तीसरी बार फिर वह टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. राजपाल कांग्रेस के टिकट के प्रबल दावेदार इसलिए भी माने जा रहे हैं, क्योंकि वह हरीश रावत गुट के हैं और उनके काफी करीबी हैं. साथ ही यह भी उम्मीद है कि दो बार की हार की उनको सहानुभूति भी मिलेगी.

2- शूरवीर सिंह सजवाण: उत्तर प्रदेश के समय से ही सक्रिय राजनीति करने वाले शूरवीर सिंह पूर्व में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. इसके साथ ही पार्टी ने उनको कई बड़े पदों पर रखते हुए अहम दायित्व भी दिए. आपको बता दें कि शूरवीर सिंह सजवाण 1985 में देवप्रयाग से विधायकी जीते, 1993 में टिहरी से और 2002 में ऋषिकेश से विधायक का चुनाव जीत चुके हैं. हालांकि इसके बाद शूरवीर सिंह सजवाण कोई भी चुनाव नहीं जीत पाए. लेकिन ऋषिकेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शूरवीर की सक्रियता ने पार्टी को अपनी ओर आकर्षित किया है.

3- विजय सारस्वत:विजय सारस्वत अपनी बेबाक बोली और दबंग छवि से पहचाने जाते हैं. विजय सारस्वत एक ऐसा नाम है जो कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के बीच रहा है. शायद हर कांग्रेस का दिग्गज नेता इस नाम को जानता और पहचानता है. बता दें कि, उत्तर प्रदेश के समय से ही विजय सारस्वत राजनीति करते हुए आ रहे हैं. छात्र राजनीति में इनका दबदबा जगजाहिर है. लगातार 10 वर्षों तक मेरठ यूनिवर्सिटी के यह प्रेसिडेंट रह चुके हैं. इसके साथ ही विजय सारस्वत पार्टी के कई बड़े पदों पर रह चुके हैं. वर्तमान में विजय सारस्वत प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री के पद पर हैं. विजय सारस्वत टिकट के प्रबल दावेदार इसलिए भी माने जा रहे हैं क्योंकि उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक के नेताओं के साथ इनका सीधा संबंध है.

4- जयेंद्र रमोला:छात्र राजनीति से लेकर अभी तक लगातार रमोला कांग्रेस से जुड़े हुए हैं. जयेंद्र रमोला ऋषिकेश पीजी कॉलेज के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इसके साथ ही जयेंद्र को पार्टी ने कई तरह की जिम्मेदारियां भी दी हैं. जिन पर पूरे खरे उतरे हैं. ऋषिकेश नगरपालिका रहते हुए वे चेयरमैन का चुनाव भी लड़ चुके हैं. हालांकि इस चुनाव में उनको जीत हासिल नहीं हुई थी, लेकिन उस समय भी बड़े नेताओं को दरकिनार कर कांग्रेस पार्टी ने युवा चेहरे को टिकट दिया था. इस समय जयेंद्र रमोला ऋषिकेश विधानसभा सीट में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक के वोटरों के साथ सीधा संपर्क बनाए हुए हैं. इनको फिलहाल कांग्रेस का सबसे सक्रिय नेता भी माना जा रहा है.

5- सुधीर राय: सुधीर राय भी ऋषिकेश विधानसभा सीट से विधायक का चुनाव लड़ने का प्रस्ताव पार्टी के सामने रख चुके हैं. सुधीर राय वर्तमान में ऋषिकेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर तैनात हैं. इसके साथ ही सुधीर राय चारधाम यात्रा रोटेशन व्यवस्था समिति के 4 बार अध्यक्ष निर्वाचित हो चुके हैं. इसके साथ ही वे वर्तमान में उत्तराखंड परिवहन महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष हैं. इतना ही नहीं छात्र जीवन से लेकर अभी तक सुधीर राय लोगों के बीच सक्रिय रहे हैं. इसके साथ यह भी माना जाता है कि सुधीर राय के पास एक ऐसी टीम है जो बड़ों बड़ों को पछाड़ सकती है. सुधीर राय की एक और खास बात लोगों से जानने की मिली कि उनका व्यवहार बेहद सरल और मिलनसार है. यही कारण है कि लोग उनसे जुड़ते भी जा रहे हैं. अब देखना होगा कि क्या पार्टी की कसौटी पर वह खरे उतरते हैं.

6- दीप शर्मा: दीप शर्मा राजनीति में काफी सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं. कई बार दीप शर्मा निर्वाचित भी हुए हैं. दो बार नगर पालिका का सभासद बनने के बाद दीप शर्मा लगातार तीन बार नगर पालिका ऋषिकेश के अध्यक्ष निर्वाचित हुए. लेकिन तीनों बार दीप शर्मा को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया था वह निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतरे और जीत दर्ज की. दीप शर्मा ऋषिकेश के प्रत्याशियों में एक बड़ा नाम है.

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इसके अलावा तीन और ऐसे नाम हैं जिन्होंने ऋषिकेश की सीट पर विधायक का चुनाव लड़ने का प्रस्ताव स्क्रीनिंग कमेटी के सामने रखा है. रामविलास रावत, केएस राणा और विजय पाल सिंह रावत ने भी अपना दावा ठोक दिया है.

7- रामविलास रावत:रामविलास रावत कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश कार्यकारिणी में रह चुके हैं. इसके अलावा वे कृषि उत्पादन मंडी समिति ऋषिकेश के सभापति भी रह चुके हैं.

8- केएस राणा:बता दें कि, केएस राणा भी ऋषिकेश से पूर्व में विधायक का चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि उनको जीत हासिल नहीं हुई थी. राणा भी कांग्रेस से पिछले कई वर्षों से जुड़े हुए हैं.

9- विजयपाल सिंह रावत: अगर हम विजयपाल सिंह रावत की बात करें को रावत वर्तमान टैक्सी मैक्सी यूनियन के अध्यक्ष हैं. इसके साथ ही उन्होंने ऋषिकेश में बेघर आंदोलन भी चलाया था. जिसमें उनके साथ गरीब और पिछड़े तबके का वोटर जुड़ा हुआ है.

ऋषिकेश विधानसभा सीट के चुनाव में कांग्रेस पार्टी से इस बार 9 लोग दावेदारी कर रहे हैं. इन सभी नेताओं की दावेदारी ने पार्टी की चिंताएं बढ़ा दी हैं. अब देखना यह होगा कि कांग्रेस आला हाईकमान किस प्रत्याशी पर अपना विश्वास जताता है और उसको चुनाव मैदान में उतारता है.

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