चमोली: स्वास्थ्य और सड़क जैसी मूलभूत सुविधा ना होने के चलते जोशीमठ विकासखंड के तिरोशी गांव की एक महिला ने रास्ते में ही बच्चे को जन्म दिया. प्रसव पीड़ा होने पर ग्रामीण गर्भवती को कंधे पर पालकी लादकर अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन इसी बीच प्रसव पीड़ा तेज होने से महिला ने रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया.
सड़क और स्वास्थ्य सेवा के अभाव में गर्भवती ने रास्ते में दिया बच्चे को जन्म. चमोली जनपद के जोशीमठ विकासखंड स्थित तिरोशी गांव सड़क मार्ग से 10 किलोमीटर दूर है. शनिवार शाम को गांव की बिंदु देवी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, जिसके बाद ग्रामीण रविवार सुबह गांव की पगडंडी पर पालकी के सहारे प्रसव महिला को अस्पताल ले जा रहे थे. इसी बीच रास्ते में ही बिंदु देवी ने बच्चे को जन्म दिया.
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ग्रामीण अजय भंडारी ने बताया कि बिंदु देवी को प्रसव पीड़ा होने पर ग्रामीणों पालकी में बैठाकर उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोशीमठ ले जा रहे थे, लेकिन गांव से 7 किलोमीटर की दूरी पर अरोसी पुल के पास महिला ने बच्चे को जन्म दिया. जच्चा और बच्चे की तबीयत सामान्य होने पर ग्रामीण उन्हें अस्पताल पहुंचाने के बजाय घर ले गए. चमोली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी जीएस राणा का कहना है कि तिरोशी गांव में आशा के साथ ही एएनएम को भी भेज दिया गया है. जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. गर्भवती महिला के जरूरी दवाइयां भी भेजी गई हैं.