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कर्णप्रयाग सीट पर कांग्रेस सुरेश कुमार बिष्ट पर खेले दांव तो मार सकती है मैदान, ये रहा जीत का गणित

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Published : Jan 21, 2022, 9:57 AM IST

Updated : Jan 22, 2022, 1:47 PM IST

बीजेपी ने गुरुवार को उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए अपने 59 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है. इसमें कर्णप्रयाग विधानसभा सीट से अनिल नौटियाल को टिकट दिया गया है. अनिल नौटियाल को टिकट मिलने से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्णप्रयाग सीट से टिकट के प्रबल दावेदार सुरेश कुमार बिष्ट खुश हैं. उनकी खुशी का कारण जानने के लिए ये खबर पढ़िए.

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सुरेश बिष्ट को टिकट

दिल्ली/गैरसैंण:उत्तराखंड की कर्णप्रयाग विधानसभा सीट दो विकास खंड यानी दो ब्लॉकों से मिलकर बनी है. एक है गैरसैंण विकास खंड. दूसरा है कर्णप्रयाग विकास खंड. बीजेपी ने जब जब गुरुवार को अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की तो पार्टी ने कर्णप्रयाग विधानसभा सीट से अनिल नौटियाल को टिकट दिया है. अनिल नौटियाल 2002 और 2007 में बीजेपी के विजेता उम्मीदवार रहे हैं.

अनिल नौटियाल को कर्णप्रयाग विधानसभा सीट से बीजेपी का टिकट मिलने से कांग्रेस के एक नेता बहुत खुश हैं. आप सोच रहे होंगे कि टिकट बीजेपी के उम्मीदवार को मिला है, खुश कांग्रेस का नेता क्यों हो रहा है. दरअसल राजनीति गणित का खेल है. बीजेपी के अनिल नौटियाल को टिकट मिलने से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश कुमार बिष्ट खुश हैं.

ये है सुरेश कुमार की खुशी का राज:दरअसल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्णप्रयाग सीट से कांग्रेस के टिकट के प्रबल दावेदार सुरेश कुमार बिष्ट इसलिए खुश हैं कि अब उन्हें टिकट मिलने की उम्मीद है. उम्मीद का कारण कर्णप्रयाग विधानसभा सीट पर वोटों का गणित है. सुरेश कुमार बिष्ट का मानना है कि अगर कांग्रेस उन्हें टिकट देती है तो फिर जीत उनकी पार्टी की ही होगी.

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कर्णप्रयाग सीट पर वोटों का गणित समझें: कर्णप्रयाग सीट पर करीब 96 हजार मतदाता हैं. अकेले गैरसैंण ब्लॉक के 55 हजार से ज्यादा मतदाता हैं. इस तरह कर्णप्रयाग ब्लॉक के सिर्फ 41 हजार मतदाता ही हैं. ये गणित सुरेश कुमार बिष्ट को लुभा रहा है. अगर कांग्रेस चुनाव समिति भी वोटों के इस गणित को समझ गई और सुरेश कुमार बिष्ट इस सीट पर बाजी मार सकते हैं ऐसा उनका दावा है.

गैरसैंण ब्लॉक के हैं सुरेश कुमार बिष्ट: अनिल नौटियाल चमोली जिले के गौचर के रहने वाले हैं. इस तरह वो कर्णप्रयाग ब्लॉक से ताल्लुक रखते हैं. अगर वोटों का गणित देखें तो कर्णप्रयाग ब्लॉक में 41 हजार के करीब वोट ही हैं. उधर सुरेश कुमार बिष्ट गैरसैंण ब्लॉक के रहने वाले हैं. गैरसैंण ब्लॉक के वोटरों की गिनती 55 हजार से ज्यादा है. इससे सुरेश कुमार का पलड़ा भारी नजर आता है. वोटों का गणित भी इसकी तस्दीक करता है.

गैरसैंण ब्लॉक में 98 बूथ: कर्णप्रयाग विधानसभा सीट पर अगर बूथों की बात करें तो यहां 174 बूथ हैं. इनमें से 98 बूथ अकेले गैरसैंण ब्लॉक में हैं. यानी आधे से भी ज्यादा. कर्णप्रयाग ब्लॉक में सिर्फ 72 बूथ हैं. इससे भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और टिकट के प्रबल दावेदार सुरेश कुमार बिष्ट के दावों में दम नजर आता है.

अभी सुरेंद्र सिंह नेगी हैं विधायक: कर्णप्रयाग सीट पर अभी बीजेपी के सुरेंद्र सिंह नेगी विधायक हैं. नेगी भी गैरसैंण ब्लॉक से ताल्लुक रखते हैं. पिछली बार सुरेंद्र सिंह नेगी की जीत में भी वोटों के इसी गणित ने अहम भूमिका निभाई थी. इसलिए सुरेंद्र सिंह नेगी आसानी के कर्णप्रयाग सीट का चुनाव जीत गए थे. इस बार उनकी तबीयत ठीक नहीं है तो बीजेपी ने अनिल नौटियाल पर दांव खेला है.

2017 में कर्णप्रयाग में कुल 51.72 प्रतिशत वोट पड़े: 2017 में भारतीय जनता पार्टी से सुरेंद्र सिंह नेगी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के डॉक्टर अनसुइया प्रसाद मैखुरी को 7549 वोटों के मार्जिन से हराया था. उस चुनाव में 51.72 फीसदी वोट पड़े थे.

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2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टियों का वोट शेयर: 2017 के विधानसभा चुनाव में कर्णप्रयाग सीट (Karnprayag Assembly Seat) पर भारतीय जनता पार्टी का वोट शेयर 52.5 प्रतिशत था. कांग्रेस पार्टी का वोट शेयर 38.43 प्रतिशत, सीपीआई (एमएल) का वोट शेयर 2.48 प्रतिशत, उत्तराखंड क्रांति दल का वोट शेयर 2.3 प्रतिशत और बसपा का वोट शेयर 1.6 प्रतिशत था.

भाकपा माले ने इंद्रेश मैखुरी को दिया टिकट: कर्णप्रयाग सीट से इस बार भी भाकपा माले ने इंद्रेश मैखुरी को टिकट दिया है. इंद्रेश मैखुरी को जननेता माना जाता है. विभिन्न आंदोलनों में उनकी शीर्ष भूमिका रहती है. लेकिन वोटों के गणित में वो हर बार मात खा जाते हैं. दरअसल इंद्रेश मैखुरी भी कर्णप्रयाग ब्लॉक से ताल्लुक रखते हैं. इसलिए कांग्रेस के टिकट के दावेदार सुरेश कुमार बिष्ट को लगता है कि ये फैक्टर भी उनके फेवर में जाएगा.

बलवंत सिंह नेगी हैं यूकेडी उम्मीदवार: उत्तराखंड क्रांति दल एकमात्र क्षेत्रीय दल है जो उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में ताल ठोक रहा है. यूकेडी ने कर्णप्रयाग विधानसभा सीट पर बलवंत सिंह नेगी को अपना उम्मीदवार बनाया है. बलवंत सिंह नेगी कर्णप्रयाग ब्लॉक से ताल्लुक रखते हैं. ये बात भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश कुमार बिष्ट के पक्ष में जा रही है.

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आज जारी होगी कांग्रेस की लिस्ट: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए काग्रेस आज प्रत्याशियों की सूची जारी करने वाली है. कांग्रेस ने पहली सूची के लिए 60 उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं. 5 से 8 सीटों पर थोड़ा पेंच है. इसलिए इन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम एक-दो दिन बाद घोषित हो सकते हैं.

केदारनाथ आपदा में किया था राहत का कार्य: 2013 में जब केदारनाथ आपदा आई थी तो उस समय गढ़वाल मंडल का जन जीवन अस्त व्यस्त था. जगह-जगह फंसे तीर्थयात्री और स्थानीय लोग भूखे प्यासे थे. ऐसे समय में सोशल मीडिया पर सुरेश कुमार बिष्ट की अनेक तस्वीरें और वीडियो आए थे जहां वो भूखे प्यासे लोगों को भोजन कराते और पानी पिलाते दिखाई दिए थे. तब पार्टी के वरिष्ठ नेता और बाद में मुख्यमंत्री बने हरीश रावत ने भी उनकी काफी सराहना की थी.

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कोरोना काल में भी गांव-गांव मदद पहुंचाई: कोरोना काल में जब ज्यादातर नेता अपने घरों में बैठकर खुद को सुरक्षित रखे हुए थे, तब सुरेश कुमार गांव-गांव पहुंचकर लोगों को सैनिटाइजर, मास्क और जरूरी सामान बांटते हुए दिखाई दिए थे. इलाके के लोगों ने भी उनके इस निस्वार्थ कार्य की सराहना की थी. दरअसल सुरेश कुमार बिष्ट जिस इलाके से हैं वो दुर्गम इलाका है. मेहलचौरी के आसपास के गांवों तक जाने के लिए काफी पैदल चलना पड़ता है.

सुरेश कुमार बिष्ट को भी है टिकट की उम्मीद:सुरेश कुमार बिष्ट को भी इस बार अपनी पार्टी कांग्रेस से कर्णप्रयाग विधानसभा सीट से टिकट मिलने की उम्मीद है. ईटीवी भारत से बात करते हुए सुरेश कुमार बिष्ट ने कहा कि उनके दादा के समय से उनका परिवार कांग्रेस की सेवा कर रहा है. उनको उम्मीद है कि पार्टी इस बार उन्हें कर्णप्रयाग विधानसभा सीट से उम्मीदवार के रूप में उतारेगी.

2007, 2012 और 2017 में भी थे दावेदार: सुरेश कुमार बिष्ट पिछले तीन विधानसभा चुनावों में भी कर्णप्रयाग विधानसभा सीट से टिकट के दावेदार थे. हालांकि उन्हें तब तीनों बार टिकट नहीं मिला था. ऐसे में सुरेश कुमार ने कोई नाराजगी जाहिर नहीं की थी बल्कि कांग्रेस के एक अनुशासित कार्यकर्ता की तरह काम करते रहे थे. जबकि 2016 में पूरे उत्तराखंड ने देखा था कि जिन लोगों को पार्टी ने टिकट दिया और वो विधानसभा पहुंच कर मंत्री भी बने वो पार्टी को दगा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे.

पारिवारिक पृष्ठ भूमि: कांग्रेस से वरिष्ठ नेता सुरेश कुमार बिष्ट के दादा स्वर्गीय सूबेदार जय सिंह बिष्ट स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. वो आजाद हिंद फौज में नेता जी सुभाष चंद्र बोस के सहयोगी भी रहे. पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के कंपनी कमांडर भी थे. पेशावर कांड में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह में उनकी भी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी. सुरेश कुमार बिष्ट के पिता सूबेदार स्वर्गीय अवतार सिंह बिष्ट आजन्म कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता रहते हुए कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे.

सैन्य अफसरों वाला है परिवार:सुरेश कुमार बिष्ट के ताऊ कर्नल थे. अब स्वर्गीय हो चुके राजेन्द्र सिंह बिष्ट भी अपने समय में कांग्रेस से जुड़े थे. उन्हें कांग्रेस का जुझारू नेता माना जाता था. चाचा स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए थे. भाई जसवंत सिंह बिष्ट कर्नल पद पर भारतीय सेना में सेवारत हैं. एक और भाई दिनेश सिंह बिष्ट मेजर जनरल पद पर भारतीय सेना में सेवाएं दे रहे हैं.

कांग्रेस में सुरेश कुमार बिष्ट का सफर: ब्लॉक अध्यक्ष युवा कांग्रेस 1987 से 1993 तक रहे. ब्लॉक अध्यक्ष सेवा दल 1993 से 1999 तक रहे. प्रदेश सचिव युवा कांग्रेस भी रहे. युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव की जिम्मेदारी भी संभाली. कांग्रेस अनुशासन समिति उत्तराखंड के अध्यक्ष भी रहे. उत्तराखंड कांग्रेस के संगठन सचिव भी रहे. विभिन्न निकायों में चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी संभाली. विभिन्न जिलों में सदस्यता प्रभारी का पद भी संभाला. गढ़वाल मंडल विकास निगम के निदेशक भी रहे. प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस कमेटी उत्तराखंड की जिम्मेदारी भी संभाली. उपाध्यक्ष गढ़वाल मंडल विकास निगम उत्तराखंड भी रहे. ये प्रभारी राज्यमंत्री पद था. सल्ट उप चुनाव में विधानसभा सीट के प्रभारी रहे. कांग्रेस कमेटी का सदस्य होने के साथ ही राज्य आंदोलनकारी भी रहे हैं.

स्थानीय स्तर पर भी सुरेश कुमार बिष्ट काफी सक्रिय रहे हैं. वो प्रभारी प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तराखंड रहे हैं. इसके साथ ही क्षेत्र पंचायत सदस्य विकास खंड गैरसैंण के रूप में निर्विरोध निर्वाचित हुए थे. अध्यक्ष क्षेत्र पंचायत प्रतिनिधि संगठन भी रहे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश कुमार बिष्ट ने गैरसैंण में मैराथन रेस भी कराई थी. इसके अलावा वो समय-समय पर खेलकूद प्रतियोगिताएं भी कराते रहते हैं.

Last Updated : Jan 22, 2022, 1:47 PM IST

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