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अज्ञात बीमारी की चपेट में देवभूवि का विश्व प्रसिद्ध गांव, ग्रामीणों में दिख रहे अजीब से लक्षण - सलुड गांव में बीमारी

सलुड गांव में एक अज्ञात बीमारी ने पैर पसारा है. इस बीमारी से करीब 15 से 20 ग्रामीण पीड़ित हैं. ग्रामीणों ने बताया कि बीते दो-तीन हफ्तों से गांव में लोगों के पैरों और आंखों के नीचे सूजन दिखाई दे रही है. जो लगातार बढ़ रहा है.

सलुड गांव.

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Published : Apr 17, 2019, 1:59 PM IST

जोशीमठःप्रसिद्ध रम्माण के लिए पहचाने जाने वाले सलुड गांव के लोग इन दिनों एक अज्ञात बीमारी की चपेट में हैं. गांव में अज्ञात बीमारी से कई लोग पीड़ित हैं. ग्रामीणों के पैरों और आंखों के नीचे सूजन आ रही है. जिससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ये बीमारी लगातार फैल रही है. वहीं, ग्रामीणों ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से गांव में मेडिकल कैंप लगाने की गुहार लगाई है.

जानकारी देते ग्रामीण और उपजिलाधिकारी वैभव गुप्ता.

जानकारी के मुताबिक सलुड गांव में एक अज्ञात बीमारी ने पैर पसारा है. इस बीमारी से करीब 15 से 20 ग्रामीण पीड़ित हैं. ग्रामीणों ने बताया कि बीते दो-तीन हफ्तों से गांव में लोगों के पैरों और आंखों के नीचे सूजन दिखाई दे रही है. जो लगातार बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि उनके गांव की जनसंख्या ढाई से तीन हजार है. बीमारी फैलने से ग्रामीणों में खौफ का माहौल है. साथ ही कहा कि मामले को लेकर वे स्वास्थ्य विभाग को अवगत करा चुके हैं, लेकिन विभाग मामले पर गंभीर नहीं है. जिसे लेकर ग्रामीणों में रोष है.

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इसी को लेकर बुधवार को ग्रामीणों ने उप जिला अधिकारी को लिखित रूप से शिकायत दर्ज कराई. साथ ही गांव में एक मेडिकल कैंप लगाने की मांग की. वहीं, उपजिलाधिकारी जोशीमठ वैभव गुप्ता ने कहा है गांव में प्रशासन की टीम के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेजा जाएगा. ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण करने की बाद ही अज्ञात बीमारी का पता चल पाएगा.


बता दें कि सलुड गांव में हर साल अप्रैल के महीने में विश्व प्रसिद्ध रम्माण उत्सव का आयोजन किया जाता है. इस गांव के अलावा डुंग्री, बरोशी, सेलंग गांवों में भी रम्माण का आयोजन किया जाता है, लेकिन सलूड़ गांव का रम्माण ज्यादा लोकप्रिय है. रम्माण मेला कभी 11 दिन तो कभी 13 दिन तक मनाया जाता है. यह विविध कार्यक्रमों, पूजा और अनुष्ठानों की एक शृंखला है. इसमें सामूहिक पूजा, देवयात्रा, लोकनाट्य, नृत्य, गायन, मेला आदि का आयोजन होता है. रम्माण उत्सव को यूनेस्को ने विश्व धरोहर में शामिल किया है.

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