चमोली: जनपद के जोशीमठ विकासखंड स्थित उर्गम घाटी में फ्यूंला नारायण भगवान के मंदिर के कपाट खुल गए हैं. यह एक ऐसा मंदिर है जहां पर पुरुष पुजारी के साथ साथ महिला पुजारी का विधान है. यहां पर महिला पुजारी वह सभी अनुष्ठान पूरा कराती हैं जो पुरुष पुजारी कराते हैं.
इस वर्ष मंदिर में पुरुष पुजारी के साथ महिला पुजारी का दायित्व पार्वती देवी को सौंपा गया है. महिला पुजारी को फ्यूंलाण भी कहते हैं. फ्यूंला नारायण मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं.
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पुजारी को सौंपी जाती है घंटी और चिमटा
समुद्र तल से मध्य हिमालयी क्षेत्र में स्थित करीब 8000 फीट की ऊंचाई पर फ्यूंला नारायण मंदिर पंच केदारों में एक केदार कल्पनाथ मंदिर के शीर्ष भाग पर स्थित पहाड़ी पर है. फ्यूंला नारायण मंदिर में हर वर्ष क्षेत्र के भेटा, भर्की, पिलखी, गवाणा और अरोसी गांव के लोग बारी-बारी से पूजा अर्चना करते हैं.
इस वर्ष का दायित्व पुरुष पुजारी के रूप में भेटा गांव के हर्षवर्धन सिंह चौहान व महिला पुजारी का दायित्व पार्वती देवी को सौंपा गया है. कपाट खुलने से पूर्व भर्की गांव की पंचायत चौक में नवनियुक्त पुजारी हर्षवर्धन सिंह चौहान को चिमटा व घंटी सौंपी गई. महिला पुजारी अर्थात फ्यूंल्याण पार्वती देवी को फूलों से भरी कंडी व मक्खन रखने वाला पात्र दिया गया. मंदिर में भक्तों के लिए भंडारे का भी आयोजन किया गया. नंदा सवनुल देवी के पुजारी अब्बल सिंह पंवार व मंगल सिंह चौहान ने विधि-विधान के साथ मंदिर के कपाट खोलने की प्रक्रिया पूर्ण की.